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बादशाह हुमायू ने प्रसिद्ध विद्वान बैरामखाँ को चिन्तन मुद्रा में बैठे हुए देखकर पूछा-आज तुम क्या सोच रहे हो?
बैरामखाँ ने कहा- हुजूर ! मैंने अनुभवी बुजुर्गों से सुना है- "मानव को अपने जीवन में तीन अवसरों पर, तीन बातों पर संयम रखना चाहिए। यदि सामने बादशाह हो, तो आँखों पर संयम रखना चाहिए, उनके सामने सदा विनम्र रहना चाहिए, यदि सामने फकीर हो, तो मन पर संयम रखना चाहिए और यदि विद्वान सामने हो, तो वाणी पर संयम रखना चाहिए, विद्वानों के सामने निरर्थक नहीं बोलना चाहिए।"
बैरामखाँ की शिक्षा से छलछलाती हुई बातों को सुनकर बादशाह को प्रसन्नता का पार न रहा। ४८ बिन्दु में सिन्धु
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