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परिवर्तन
बहुत तेज वर्षा हो रही थी। कब्रिस्तान को मिट्टी वर्षा के पानी से बह गई थी, जिससे मुदों की खोपड़ियाँ
और हड्डियाँ बाहर आ गई थीं । बहलूल दाना कब्रिस्तान में पहुंचा और उसने उन सब खोपड़ियों को इकट्ठा किया और उन्हें गौर से देखने लगा। वह कभी एक खोपड़ी को हाथ में लेकर देखता, तो कभी दूसरी खोपड़ी को।
बिन्दु में सिन्धु
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