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श्रीविजयानंदसूरिकृत
[१ जीव(२७) कालादेशेन सप्रदेशी अप्रदेशी (कालकी आ अ भ नो सं अनो स क ते प अ स मि मिसं अदे नो स क्रोमा लो अ अपेक्षासे हा णा व्य भ शी सं सं लेष्ण जो झ ले म्याथ्याश्र य सं शसं क ध न म क सप्रदेशी अप्रदेशी)
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विगलेंद्री३ तिर्यंच पंचेंद्री
मनुष्य सिद्धानां राहियसंजमासंजमाणं ४ विराहियसंजमासंजमाणं ५ असन्नीणं ६ तावसाणं ७ कंदप्पियाणं ८ चरगपरिव्वायगाणं ९ किब्विसियाणं १० तेरिच्छियाणं ११ आजीवियाणं १२ आभिओगियाणं १३ सलिं: गीणं दसणवावनगाणं १४ एएसिणं देवलोगेसु उववजमाणाणं कस्स कहिं उववाए पण्णत्ते? गोयमा! अस्संजयभवियव्वदेवाणं जहन्नेणं भवणवासीसु उक्कोसेणं उवरिमगेविजएसु १, अविराहियसंजमाणं जहन्नेणं सोहम्मे कप्पे उक्कोसेणं सन्चट्ठसिद्धे विमाणे २, विराहियसंजमाणं जहनेणं
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