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श्रीविजयानंदसूरिकृत
[१ जीव(१०) पन्नवणा पद २२ मे (*सू० २८४) क्रियायत्रम् आरंभिता । परिग्रह | मायाप्रत्यया
मिथ्यादर्शन-1 अप्रत्याप्रत्यया ख्यान.
अनंत प्रत्याख्यान चौक संज्वलन ४ कारण
अप्रत्याप्रमाद
मिथ्यात्व - ख्यान ४ गुणस्थान कौनसेमें संबंधारंभ
भजना नियमा भजना भजना परिग्रह नियमा .. मायाप्रत्यया
भजना
भजना मिथ्यादर्शन नियमा नियमा नियमा
नियमा अप्रत्याख्यान
भजना प्रत्यया अहिगरणिया किरिया कजति तस्स कातिया कजति ? । गो०! जस्स णं जीवस्स कातिया किरिया कजति तस्स अहिगरणी किरिया नियमा कजति, जस्स अहि० किरिया क० तस्स वि काइया किरिया नियमा कजति, जस्स णं भंते! जीवस्स काइया कि० तस्स पादोसिया कि०, जस्स पादोसिया कि० तस्स काइया किं क०। गो०! एवं चेव, जस्स णं भंते ! जीवस्स काइया किरिया कजइ तस्स पारियावणिया किरिया कजइ जस्स पारियावणिया किरिया कजइ तस्स कातिया किरिया कजइ?। गो०! जस्स णं जीवस्स काइया कि० क० तस्स पारितावणिया सिय कन्जइ सिय नो कजइ, जस्स पुण पारियावणिया कि० क० तस्स काइया नियमा कजति, एवं पाणाइवायकिरिया वि, एवं आदिल्लाओ परोप्परं नियमा तिण्णि कजंति, जस्स आइल्लाओ तिन्नि कति तस्स उवरिल्लाओ दोन्नि सिय कज्जंति सिय नो कजंति, जस्स उवरिल्लाओ दोण्णि कजंति तस्स आइल्लाओ नियमा तिण्णि कजंति, जस्स णं भंते जीवस्स पारियावणिया किरिया कजति तस्स पाणातिवायकिरिया क०, जस्स पाणाति० क० तस्स पारियावणिया कि० क०? । गो०! जस्स णं जीवस्स पारियावणिया कि० तस्स पाणातिवातकिरिया सिय कसिय नोक०, जस्स पुण पाणातिपातकिरिया क० तस्स पारियावणिया किरिया नियमा कजति"। (प्रज्ञा० सू० २८२)
* "कतिणभंते किरियाओ पण्णत्ताओ? गो०!पंच किरियाओ पं० तं०-आरंभिया, परिग्गहिया, मायावत्तिया, अपञ्चक्खाणकिरिया, मिच्छादसणवत्तिया, आरंभिया णं भंते ! किरिया कस्स कजति ?
अण्णयरस्स वि पमत्तसंजयस्स. परिग्गहियाणं भंते! किरिया कस्स कज्जह?। गो०! अण्णय रस्स वि संजयासंजयस्स, मायावत्तिया णं भंते! किरिया कस्स क०? गो! अण्णयरस्सावि अपमत्तसंजयस्स, अपच्चक्खाणकिरिया णं भंते! कस्स क०?। गो०! अण्णयरस्स वि अपच्चक्खा णिस्स, मिच्छादसणवत्तियाणं भंते! किरिया कस्स क०? गो०! अण्णयरस्सावि मिच्छादंसणिस्स। ...जस्सणंभंते! जीवस्स आरंभिया किया क० तस्स परिग्गहिया किंक०? जस्स परिग्गहिया किय तस्स आरंभिया कि०?। गो०! जस्स णं जीवस्स आरंभिया कि० तस्स परिसिय क० सिय नो क० जस्स पुण परिग्गहिया कि० तस्स आरंभिया कि० णियमा क०, जस्स णं भंते! जीवस्स आरंभिया कि० क० तस्स मायावत्तिया कि० क० पुच्छा, गो०! जस्स णं जीवस्स आरंभिया कि० क० तस्स माया० कि० नियमा क०, जस्स पुण माया० कि० क० तस्स आरंभिया कि० सिय क० सिय नो क०, जस्स णं भंते! जीवस्स आरंभिया कि० तस्स अपञ्चक्खाणकिरिया पुच्छा, गो०! जस्स जीवस्स
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