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जैनाचार्य १००८ श्रीमद्विजयानन्दसूरि ( श्रीआत्मारामजी ) महाराजके मुख्य शिष्य
१०८ श्रीमान् श्रीलक्ष्मीविजयजी महाराज
मेडता (मारवाड) के वासिंदे पुष्करणा ब्राह्मण. स्वर्गवास १९४० पाली (मारवाड).
मुनिमहाराज श्रीहर्षविजयजी, आचार्यमहाराज श्रीविजय कमलसूरिजी, श्रीहंस विजयजी महाराजजी के गुरुदेव, संघाडा के सर्व साधुओं के आद्य विद्यागुरु.
बालापुर जील्ला आकोला (वराड) निवासी शेठ लालचंद खुशालचंदकी तर्फसे गुरुभक्ति निमित्ते.
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