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मनोवृत्ति को बदला जा सकता है अकेला बना ले । यह ध्यान की निष्पत्ति है, तपस्या का अंतिम परिणाम है । शोधन का यह एक क्रम है और इस क्रम से मनोवृत्ति को बदला जा सकता है । यह परिवर्तन की प्रक्रिया है। इसका माध्यम है-तपस्या और निर्जरा। इसी माध्यम से हम अपने नए व्यक्तित्व का निर्माण कर सकते हैं।
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