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धन्यवाद। इस अलभ्य ग्रन्थके उद्धार-कार्यमें नजीबाबाद जि० विजनौरके श्रीमान् साहु गणेशीलालजी आनरेरी मजिस्ट्रेटकी धर्मपत्नी जीने १०.) सौ रुपयाकी सहायता देनेकी उदारता दिखलाई है. इसके लिए श्रीमतीजीको अनेक धन्यवाद । अन्य धर्मात्माऑको आपके इस शास्त्रप्रेमका अनुकरण करना चाहिए।
श्रीमतीजीकी ओरसे उक्त सौ रुपयोंके अन्य असमर्थ विद्वानोंको बिना मूल्य वितरण किये जावेंगे।
निवेदक-मंत्री ?
MADHAN
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