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समस्या का समाधान स्वयं खोजें शक्तिसंपन्न बनने के लिए एक और महत्त्वपूर्ण बात है, वह है अपनी समस्या का स्वयं समाधान खोजें। समस्याएं तो आती ही हैं। यह कोई मान कर न चले कि उसके जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आयेगी। आज तक कोई आदमी इस धरती पर पैदा नहीं हुआ, जिसे किसी न किसी समस्या का सामना न करना पड़ा हो। यह दुनिया का नियम है कि इसमें जीने वाले के सामने समस्या आयेगी ही। प्रश्न यह है कि वह क्या करे ? इसका उपाय खोजा गया कि समस्या का समाधान करे। समाधान कौन करे ? धर्म का, अध्यात्म का सूत्र यह है कि स्वयं समस्या का समाधान खोजें। प्रेक्षाध्यान का एक प्रसिद्ध सूत्र है-अप्पणाससच्चमेसेज्जा-अपना सत्य स्वयं खोजें। दूसरे का खोजा हुआ सत्य बहुत काम नहीं आता। मैं स्वयं सोचता हूं कि मैं जो बता रहा हूं, वह आपके बहुत काम की बात नहीं है। जब तक आप स्वयं अनुभव नहीं करेंगे, प्रयत्न नहीं करेंगे, मेरे कहने से क्या होगा ? मेरे सत्य को आप अपना सत्य बना लें, तभी बात काम की होगी। अन्यथा केवल उधार की बात होगी। उधार की पूंजी आज नहीं तो कल लौटानी होगी।
अपने भीतर है समाधान . प्रेक्षाध्यान का प्रयोग उधार की पूंजी से उऋण होने का उपाय है। उधार की पूंजी के भरोसे मत रहो, स्वयं की कमाई करो। एक व्यक्ति दीर्घ श्वासप्रेक्षा का प्रयोग करता है। उसे अनुभव होता है। अनुभव कराने वाले का नहीं, अपना ही काम आता है। बच्चा जब तक चलने में असमर्थ है, मां तब तक उसे अंगुली पकड़कर चलना सिखाती है, बाद में वह गिरते-पड़ते स्वयं ही चलना सीखता है। ___ समस्या को सुलझाने के लिए सबसे अच्छा मार्ग है-स्वयं समाधान खोजना। जब तक इस वृत्ति का विकास नहीं होगा, दुनिया की कोई ताकत हमारी समस्या को सुलझा नहीं सकेगी। एक बहन मोटापे की समस्या से ग्रस्त है। इस समस्या के समाधान का मार्ग बताया जा सकता है किन्तु उसका समाधान स्वयं ही करना होगा। खानपान और श्रम की आदत उसे स्वयं डालनी होगी। जीभ पर नियंत्रण स्वयं रखना होगा। ऐसा
शान्ति और शक्ति के साथ जीयें / १६७
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