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________________ शान्ति और शक्ति के साथ जीयें जिसने प्राण धारण किया है, उसे जीना है । जो श्वास लेता है, वह जीता है । श्वास लेकर जीना, रोटी खाकर जीना, पानी पीकर जीना जीना तो है, पर इस तरह जीने का बहुत मूल्य नहीं है । अच्छा जीवन जीना एक मूल्यवान् बात है। अच्छा जीवन कौन जी सकता है ? जिसके जीवन में शान्ति और शक्ति है, वही अच्छा जीवन जी सकता है । शान्ति और शक्ति - ये दोनों बहुत आवश्यक हैं। कोरी शक्ति है और शान्ति नहीं है तो नियमतः मन बेचैन रहेगा । शान्ति से रहना चाहता है और कमजोर है तो भी काम नहीं चलेगा। एक बहन ने कहा- मैं बहुत अशान्त और परेशान हूं। कुछ उपाय बताएं । मैंने पूछा - 'तुम अशान्त और परेशान क्यों हो ? कारण क्या है ? उसने कारण बताया - एक भाई है, दो लड़के चल बसे । बहू है | लोग बहुत सारी बातें करते हैं।' मैंने कहा - 'लोग बातें करते हैं, इस आधार पर जीओगी तो कभी शान्ति से जीया ही नहीं जा सकेगा । इस दुनिया में नाना प्रकार के लोग हैं, नाना कल्पनाओं वाले लोग हैं । अलग-अलग प्रकार की रुचियां, अलग-अलग प्रकार की कल्पनाएं और अलग-अलग प्रकार का चिंतन | अगर ऐसे में हम दूसरों के आधार पर ही जीयेंगे तो फिर शान्ति की बात ही छोड़ देनी चाहिए । आत्म-विश्वास वही आदमी शान्ति का जीवन जी सकता है, जिसमें शक्ति होती है । शक्ति का तात्पर्य है अपनी बात पर मजबूत बने रहना । शान्ति और शक्ति के साथ जीने का पहला सूत्र है - आत्मविश्वास । अपने पर भरोसा होना चाहिए । हमारी कठिनाई यह है कि जितना भरोसा हमें दूसरों पर है, उतना स्वयं १५८ / विचार को बदलना सीखें Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003130
Book TitleVichar ko Badalna Sikhe
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2005
Total Pages194
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size8 MB
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