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प्राणिना
४१६
सै
४२०
शोर्दूल
४२१ ४२१
भूयेने
४२२
अचलेक पृषककारण अष्ठोत्तर अप शक्षण ईशा फाहियान
००
प्राणिनां
राक्षसै शार्दूल भूयेत
नहीं अचेलक पृथकरण अठहत्तर
अपने भक्षण
ईशा फाहियान
ईसा ईसा
ईसा चन्द्रयान स्वीकारने का जिसको
कांजी कमल के गच्छति थावरेसु
ईशा
४४५ ४४६ ४४८
ईशा ईशा
४५०
৪se
४६६
चन्द्रायत स्वीकार का जिसकी काञ्ची कमल में गछति घावरे
४६७ ४६८
४७०
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