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भेते
भंते
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१६०
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भयपयचे
भवपयचे १६० निग्रन्थ १६०
निर्ग्रन्थ २१ से अनुसन्धित पाठ
चाहिए ? मुक्त यह कहना चाहिए, पारगत यह कहना चाहिये, सिद्ध बुद्ध मुक्तपरिनिवृत्त अंतकृत और सर्व दुःख प्रहीण यह कहना चाहिए यथार्थ है भगवान् ? यथार्थ है
चुल्ल कप्प सूत्र में मांस
मद्य शब्द-- "वासावास पज्जोस वियाणं नो कप्पइ निगन्थाण वा निगन्थीण वा हट्ठाणं तुट्ठाणं आरोगाणं बलीय सरीराणं इमाओ नवरस विगइओ अभिक्खणं अभिक्खण आहारित्तए, तं जहा खीरं १. दहि २, नवणीयं ३
सर्घि ४, तिल्लं ५, गुडं ६, महुं ७, मज्ज, मसं ६ ॥१७॥ ससमसं
ससमंसं अदाहिं
अदाहिं
पुष्य कौशाम्बी विचले १६५
कौशाम्बी ने बिचले वर्ण
१६६
पुष्प
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