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वनस्पत्यंग मांस
१३० वनस्पत्यंगों और प्राण्यंगों की समानता
१३४ वर्ण के ऊपर से पदार्थों के नाम
१४६ उन शब्दों की अनुक्रमणिका जो प्राणधारी और वनस्पति .१४८ वाचक हैं। जैन साहित्य में प्रयुक्त मांस मत्स्यादि शब्दों का वास्तविक अर्थ निशीथाध्ययन नवमोद्देश में निशीथाध्ययन के ग्यारहवें उद्देश्य में दश वैकालिक पिण्डैषणाध्यायके प्रथमोद्देश में
१५६ सूर्य प्रज्ञप्ति सूत्र में नक्षत्र भोजन
१६१ मार्जार कृत कुक्कुट मांस क्या था
१६४ उक्त संस्कृतादि सूत्रों के अवतरणों का स्पष्टीकरण १५२ वैदिक तथा बौद्ध ग्रन्थों में मांस आमिष शब्दों का प्रयोग २०५ बौद्ध साहित्य में भिक्षान्न के अर्थ में मांस, आमिष शब्द का प्रयोग
२०६ देवदत्त क्या चाहता था भोजनार्थ में आमिष शब्द का प्रयोग
२१५ चतुर्थ अध्याय प्रासुक भोजी जैन श्रमण जैन श्रमण की जीवन-चर्या योग्यता
२२६ सामायिक चारित्र का प्रतिज्ञा पाठ
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