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कथाओं/घटनाओं/दृष्टांतों की सांकेतिका
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गुड़ रामचंद्रजी के पास मानवता क्यों बेचूं गिन्नियां कंकर बन गईं अनाचार का प्रायश्चित्त क्रोधं मा कुरु (युधिष्ठिर) मृगालोढ़ा प्रतिनिधि कौन चुने? माला पतिता : मालवा पतिता सिर मत खाओ, शेष सब-कुछ खा लेना लंगर से बंधी नौका नासमझ बहू विजया-विजया खराब घी न्यायाधीश की नीतिनिष्ठा रिश्वत का पैसा
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