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________________ विद्यार्थियों के जीवन-निर्माण की दृष्टि से व्यापक स्तर पर कार्य कर रहा है। आप भी इस कार्यक्रम को समझें और इसके छोटे-छोटे संकल्प स्वीकार करके अपना सक्रिय योगदान दें। यह योगदान आपके उज्ज्वल भविष्य का आधार तो होगा ही, राष्ट्र को भी उन्नति-पथ पर बढ़ाएगा। विद्यार्थियों के लिए अणुव्रत के संकल्प हैं• परीक्षा में अवैधानिक तरीकों से उत्तीर्ण होने का प्रयास नहीं करूंगा। • तोड़-फोड़मूलक हिंसात्मक प्रवृत्तियों में भाग नहीं लूंगा। • धूम्रपान नहीं करूंगा। • मद्यपान नहीं करूंगा। • बिना टिकट रेल आदि से यात्रा नहीं करूंगा। उपर्युक्त संकल्प स्वीकार करके राष्ट्र के लाखों-लाखों विद्यार्थियों ने अपना जीवन सुसंस्कारी बनाया है। आप भी इस महायज्ञ में अपनी आहुति दें। निस्संदेह आपका जीवन आदर्श जीवन बनकर दूसरों के लिए प्रेरणा-स्रोत बन सकेगा। नोहर २३ फरवरी १९६६ .७० आगे की सुधि लेइ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003107
Book TitleAage ki Sudhi Lei
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Sermon
File Size13 MB
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