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• सगाई - विवाह में ठहराव नही करूंगा ।
• पैसे आदि के प्रलोभन से वोट न दूंगा और न लूंगा ।
इस प्रकार के और भी अनेक व्रत हैं। इन व्रतों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सभी धर्मों के लोग इन्हें समान रूप से स्वीकार कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहूं तो इन व्रतों की यह संकलना संपूर्ण मानवीय आचार-संहिता है, स्वस्थ समाज संरचना का कार्यक्रम है, जीने की सच्ची कला है। यह कला सीखकर यानी अणुव्रत की आचार संहिता स्वीकार कर आप अच्छा जीवन जीने का पथ प्रशस्त कर सकते हैं।
किराड़ा
१२ फरवरी १९६६
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