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कृतज्ञता प्रकाश ।
इस ग्रन्थकी एक प्रति बड़नगरस्थ सेठ मलूकचन्द हीराचन्द के सरस्वती भण्डारके अध्यक्ष श्रीयुत घासीलालजी सेठीकी कृपासे प्राप्त हुई, जो कि प्रायः शुद्ध है और दूसरी प्रति जयपुरके पाटोदी-मन्दिरके सरस्वतीभण्डारके अधिकारी महाशयकी उदारतासे, जो कि अशुद्धप्राय है । अतएव हम दोनों महाशयोंके प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता प्रकाशित करते हैं।
-मंत्री।
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