SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 188
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन विश्वभारती बनाम जैन विश्वभारती १७९ भी गर्व करना चाहिये । वैदिक एवं बौद्ध विद्यापीठ एवं विश्वविद्यालय के रूप में तक्षशिला, विक्रमशिला, नालन्दा आदि के उदाहरण तो हैं लेकिन किसी जैन विद्या के विश्वविद्यालय का यह प्रथम दर्शन है। अतः न केवल मातृसंस्था को वरन् समस्त जैन समाज को इस सारस्वत यज्ञ में महान से महान त्याग का पुण्य लेना चाहिये । विश्वविद्यालय का परिसर ही जैन जीवन दृष्टि एवं जैन संस्कृति का दर्पण बने । इसके स्थापत्य में जैन जीवन दर्शन अंकित होवे । यही नहीं विश्वविद्यालय के प्रबन्धन, प्रकाशन, साज-सज्जा में हरगिज शान-शौकत या वैभव का वीभत्स प्रदर्शन न होने पावे, बल्कि वहां सरलता, अहिंसा और अपरिग्रह का पदार्थ पाठ मिले। अध्यापक एवं विद्यार्थियों को जैन होना ही अभीष्ट नहीं है लेकिन वे सब जैन विचार की जागतिक प्रासांगिकता एवं युग सार्थकता तो सीखकर अवश्य जाये । जैन विचार को मात्र एक साम्प्रदायिक विचार या किसी धर्म-संघ का विचार मानना अन्याय है। यह तो निखिल मानव जाति की शाश्वत धरोहर है। अहिंसा तो आज मानवता का भविष्य है । परिग्रह-भावना से अहिंसा की साधना हो नहीं सकती, और अपरिग्रह वीतरागता के अभ्यास के बिना सम्भव नहीं। सामयिकी और प्रतिक्रमण, व्रत और तप, निरामिष एवं दिवा-भोजन आदि मूल-धर्म की सहायिका हैं, लक्ष्य तो अनेकांत-अहिंसा के आदर्श और मोक्ष की साधना है । जैन विश्वविद्यालय इसी सत्य की साधना की यज्ञशाला है। सत्य न तो प्राची का होता है, न प्रतीची का। सत्य पर न भगवान् महावीर का एकाधिकार है न बुद्ध का । सत्य ही सच्चा अध्यात्म है जो अखंडित एवं अखंडनीय है। विद्या वही है जो सत्य का दर्शन करावे । विश्वविद्यालय वही है जो हमें क्षुद्रता और संकीर्णता से मुक्त करे-“सा विद्या या विमुक्तये"। "विज्जा चरणं पमोक्खो।" भगवान् महावीर स्वयं सम्बुद्ध थे-बुद्ध भी थे, सिद्ध और मुक्त भी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003097
Book TitleJain Darshan Chintan Anuchintan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjee Singh
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1993
Total Pages200
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy