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________________ व्यक्तित्व के तीन प्रकार Jain Education International प्रकृति- विश्लेषण का विज्ञान यह प्रकृति - विश्लेषण का बहुत बड़ा विज्ञान है । व्यक्ति में यह विवेक जागना चाहिए कि उसमें सात्त्विक वृत्ति आए । ध्यान का परिणाम है— सात्विक वृत्ति । हम दूसरों की प्रकृति का भी ठीक विश्लेषण करें और उस विश्लेषण के आधार पर अपने नौकर चाकर, मुनीम- गुमास्ता, मजदूर, बेटा, बहू — दूसरों के साथ भी वैसा ही व्यवहार करें । सामुदायिक या पारिवारिक जीवन में इससे शांति का श्रीगणेश होगा, बहुत सारी उलझनों के समाप्त होने का रास्ता मिल जाएगा । इस वर्गीकरण में जीवन का दर्शन अन्तर्हित है । हम इस वर्गीकरण को बराबर ध्यान में रखें और यह संकल्प करें-- हमें सात्त्विकता का पूरा विकास करना है, राजसिक और तामसिक वृत्तियों को कम करने का अभ्यास करना है । यदि यह दृष्टि बन गई तो निश्चय ही जीवन में नया प्रकाश, नया आलोक मिलेगा और भविष्य को उज्ज्वल बनाने में पूरा योग मिलेगा । १८५ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003069
Book TitleAmantran Arogya ko
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1999
Total Pages236
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Food
File Size9 MB
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