________________
क्या मानसिक स्वास्थ्य चाहते हैं ? १७५
से बच जाएंगे । तनाव इकट्ठा करते जाएं, रेचन करना न जानें तो एक बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी । शायद ही कोई ऐसा मिले, जिसे किंचित् मात्रा में तनाव न आता हो । तनाव कम या ज्यादा हो सकता है किन्तु वह होता सब में है । हम इसका भी श्वास की तरह रेचन करें, मन में ही घुटते न रहें ।
सास बहू में रोज झगड़ा चलता था । एक दिन झगड़े में बहू तनाव से भर गई । उसने अपना निर्णय सुनाया-'मैं अब तुम्हारे यहां की रोटी नहीं खाऊंगी ।' रसोई घर से निकल दूसरे कमरे में जाकर बैठ गई । पूरा दिन बीत गया । शाम तक रोटी नहीं खाई। रात को जोरदार भूख लगी, किन्तु करे क्या? वह तनाव से भरकर फैसला सुना चुकी थी । सबेरे घर के सभी लोग नाश्ते पर बैठे थे । वह सामने कैसे जाए ? वह किवाड़ के पीछे आकर खड़ी हो गई । सास ने देख लिया । सास समझ गई । बहू सामने आने में झिझक रही है । उसने अपने बेटे को इंगित कर कहा-छाछ रोटी-रायता पड़ा है, जाओ बहू को कह दो । कहने की जरूरत ही नहीं पड़ी । बहू बोल उठी-मैं किवाड़ के पीछे खड़ी हूं, कोई बुलाने भी आए !
सारा तनाव खत्म हो गया, वह सामने आकर बैठ गई । - जिसके कारण तनाव हुआ है उसके साथ मिल-बैठकर तनाव मिटा लें। यदि सामने वाला व्यक्ति जिद्दी है, तनाव दूर करने में कोई सहयोग नहीं देता तो रेचन की दूसरी पद्धति को काम लें । दोनों हाथ की अंगुलियों को एकदूसरे से मिला दें। ऐसा दस-बीस बार करें । तनाव का रेचन शुरू हो जाएगा । दीर्घश्वास का प्रयोग भी तनाव को दूर करता है । कायोत्सर्ग का प्रयोग भी इसका एक प्रमुख उपाय है । यदि हम इन छोटे-छोटे प्रयोगों को सीख लें तो मानसिक तनाव से दूर रहेंगे ।
६. आत्म-निरीक्षण
मानसिक स्वास्थ्य का छठा सूत्र है-आत्म-निरीक्षण ।
जो व्यक्ति आत्म-निरीक्षण नहीं करता उसका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नही रहता । व्यक्ति के द्वारा कभी अच्छा काम होता है तो कभी बहुत गलत काम भी हो जाता है लेकिन वह जैसा भी करता है, उसका रोज निरीक्षण करता रहे तो गलत काम कम होंगे, अच्छे काम अधिक होते चले जाएंगे । जो एक व्यापारी की तरह अपने आचरण का, अपने व्यवहार का लेखा-जोखा नहीं रखता,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org