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अहिंसा के अछूते पहलु
काम है। पिच्यूटरी का अलग फंक्शन है, पिनियल का अलग है, थायराइड का अलग है, एड्रीनल का अलग है। सबके अपने-अपने फंक्शन हैं । ये संतुलित काम करते हैं तो व्यक्ति संतुलित रहता है। इनमें असंतुलन हुआ, रासायनिक प्रक्रिया गड़बड़ाई कि आदमी का मष्तिस्क विक्षिप्त-सा हो जाता है और हिंसा की वृत्तियां जाग जाती हैं । ध्यान एक उपाय है रासायनिक संतुलन का। ध्यान के द्वारा रासायनिक संतुलन पैदा किया जा सकता है। चैतन्य केन्द्र-प्रेक्षा इसके लिए सशक्त प्रयोग है । दर्शन केन्द्र पर ध्यान करते हैं तो पिच्यूटरी का स्राव संतुलित हो जाता है। ज्योति केन्द्र पर ध्यान करते हैं तो पिनियल का स्राव संतुलित हो जाता है। कंठ पर ध्यान करते हैं, विशुद्धि केन्द्र पर ध्यान करते हैं तो थायराइड का स्राव संतुलित हो जाता है। तैजसकेन्द्र पर ध्यान करते हैं तो एड्रीनल का स्राव संतुलित हो जाता है। रासायनिक संतुलन की महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है ध्यान । हर व्यवहार के पीछे रसायन
हमारे भीतर बहुत सारे रसायन हैं। आज के जैव-रासायनिक वैज्ञानिक मानते हैं कि मनुष्य की प्रत्येक प्रवृत्ति के पीछे एक रसायन काम करता है। आदमी क्रोध करता है तो भी एक रसायन काम करता है, क्रोध का शमन करता है तो भी एक रसायन काम करता है। हमारे हर व्यवहार के पीछे. एक प्रकार का रसायन होता है। क्रोध के रसायन को निलंबित करना और शांति के रसायन को उत्तेजित करना, यह ध्यान के द्वारा संभव बनता है।
दो गप्पी मिल गए। एक गप्पी ने गप्प हांकी कि मेरा दादा मरा था तो दस लाख रुपए छोड़कर मरा था । दूसरा गप्पी भी कम नहीं था। उसने कहा-क्या कहते हो ? मेरा दादा मरा तो सारी दुनिया को छोड़कर मरा
चैतन्यकेन्द्रप्रेक्षा : शक्तिशाली माध्यम
एक उत्तेजक होता है और दूसरा शामक होता है। शामक बात आती है तो उत्तेजना समाप्त हो जाती है। दोनों प्रकार के तत्त्व काम करते हैं। उत्तेजक तत्त्व काम करता है तो शामक तत्त्व भी अपना काम करता है । उत्तेजक तत्व आता है तो दूसरा तत्त्व या दूसरी प्रणाली शामक तत्त्व प्रस्तुत कर देती है। दोनों चलते हैं। यदि हम चैतन्य-केन्द्र-प्रेक्षा का प्रयोग करें तो शामक तत्त्व इतना प्रबल होता है कि दूसरी बात बिलकुल दब जाती है। इस रासायनिक असंतुलन को मिटाने का शक्तिशाली माध्यम है चैतन्य केन्द्र-प्रेक्षा । इसलिए ध्यान और अहिंसा का संबंध हमारी समझ में और गहरा बैठ जाता है। हिंसा का जो प्रबल सहायक तत्त्व है रासायनिक असंतुलन, उसे संतुलित करने का माध्यम है ध्यान ।
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