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२०
चा० सं०
अग्रगण्य नाम ( दी० ० ) गांव १८६४ साध्वीश्री हस्तूजी (४५) पीपाड़ १६०४ मुनिश्री गुलहजारीजी ( १०३) नगुरा १६१० साध्वीश्री चक्रूजी (६५) 'बड़ा' बाजोली चनणांजी' (११६) उदयपुर
१६१२
१६१३
चत्र जी ( ७० ) तोसीणा
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१९३५ मुनिश्री सिरेमलजी ( २०६ ) जोधपुर १६३७ साध्वीश्री अमृतांजी ( १०६) गोगुंदा जड़ावांजी ( ३४७) आमेट
१९३८
१६५५
१६६६
१६६८
१६६६
१९७०
१६७१
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नानूजी (४२२) खींचन
सुन्दरजी ( ४३२) बीकानेर लच्छूजी (३६७) देवरिया
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ईड़वा ( राज० जोधपुर संभाग )
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१९७२
१६७३
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१९७४ 31 १९७७ मुनिश्री खेमराजजी (३११) धरार
१९७६ साध्वीश्री मूलांजी ( ७४०) दिवेर
१६८१
सुन्दरजी ( ४३२) बीकानेर
जड़ावांजी ( ४८७ ) बोरावड़
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१९८४
मूलांजी ( ७४०) दिवेर
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१६८५ १६८८ मुनिश्री धनरूपजी (३७३) आतमा
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ठाणा
८
१०
५
४
४
५
५
५
५
५
३
५
५
५
५.
३
१. चातुर्मास के लिए दोनों विकल्प हैं ईड़वा तथा पादू |
इस वर्ष साध्वी चंदणाजी के सिंघाड़े की कुछ साध्वियों ने
पावस- प्रवास
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सहयोगी मुनि
दौलतरामजी (केलवा ) चंपालालजी ( बीदासर )
ने ईड़वा में चातुर्मास किया ।
२. मुनि जीवोजी कृत चातुर्मासिक तप विवरण ढा० २ गा० ४ में इनका चातुर्मास बाजोली तथा आर्यादर्शन ढा० ५ गा० १६ में ईड़वा लिखा है ।
पादू में तथा कुछ साध्वियों
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