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पावस-प्रवास
चा० सं० अग्रगण्य नाम (दी० ऋ०) गांवठाणा सहयोगी मुनि २०३६ मुनिश्री बुद्धमलजी (प्रमुख निकाय
व्यवस्थापक) शार्दूलपुर
, नवरत्नमलजी (५२३) मोमासर . " , सुमेरमलजी 'सुदर्शन' (५५७)
सुजानगढ़ , महेन्द्रकुमारजी (६५८) बम्बई , साध्वीश्री मोहनकुमारीजी' (१११६)
राजलदेसर फूलकुमारीजी (११९३)
सुजानगढ़ " , जिनप्रभाजी' (१३४२) लाडनूं २०४० मुनिश्री नवरत्नमलजी (५२३) मोमासर ॥ सुमेरमलजी 'सुदर्शन' (५५७) , धनंजयकुमारजी (श्रीडूंगरगढ़
___ सुजानगढ़ । - प्रमोदकुमारजी (उदयपुर) , , दुलहराजजी (६२६) दुधोड़ , साध्वीश्री राजकुमारीजी' (९४६) नोहर )
राजीमतीजी (१२२२) रतनगढ़ २३४
, कनकश्रीजी (१२७८) लाडनूं ) २०४१ मुनिश्री नवरत्नमलजी" (५२३) मोमासर ३ जयचंदलालजी (लाडनूं)
___ जम्बूकुमारजी (सरदारशहर १. तेरापंथी सभाभवन में-मुनि बुद्धमलजी (शार्दूलपुर), सुमेरमलजी (सुजानगढ़), ऋद्धकरणजी (श्रीडूंगरगढ़), विजयकुमारजी (सुजानगढ़), सुमनकुमारजी (सरदारशहर), प्रमोदकुमारजी (उदयपुर)। जैन विश्व भारती में-मुनि नवरत्नमलजी (मोमासर), महेन्द्रकुमारजी (बम्बई), धर्मरुचिजी (मोमासर), मुदितकुमारजी (सरदारशहर), मैतार्यजी (काछवली)। २. चातुर्मास के पूर्व लाडनूं 'सेवाकेन्द्र' में साध्वीश्री कानकुमारीजी (१११३) 'सरदार
शहर' थी एवं साध्वी मोहनकुमारोजी 'बीदासर' 'समाधि केन्द्र' में थी पर आचार्यश्री के विशेष आदेश से कानकुमारीजी को बीदासर और मोहनकुमारीजी को लाडनूं भेजा
गया। ३. शिक्षाकेन्द्र।
६. शिक्षा केन्द्र। ४. जैन विश्व भारती।
७. जैन विश्व भारती। ५. सेवाकेन्द्र ।
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