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________________ २५० पावस-प्रवास रतनगढ < चा० सं० अग्नगण्य नाम (वी० ३०) गाव ठाणा सहयोगी मुनि १९६६ साध्वीश्री हुलासांजी (७५६) सिरसा ५ २००२ मुनिश्री चोथमलजी (४७३) सरदारशहर २ जालीरामजी (मोठ) २००५ साध्वीश्री सुखदेवांजी (७८४) राजलदेसर २००८ , मालूजी (८३८) रतनगढ़ २०१० , बिरधांजी (७६८) राजनगर २०१३ , चांदकंवरजी (८४१) मोमासर २०१६ , भीखांजी (९९१) नोहर २०२२ मुनिश्री नेमीचंदजी (५६१) बीदासर २ खूबचंदजी (बीदासर) २०२६ साध्वीश्री गणेशांजी (९२२) लाडनूं २०३६ मुनिश्री बालचंदजी (५४३) आसींद ३ अर्जुनलालजी (नाथद्वारा) हेमचंद्रजी (बागोर) बाजोली (राज० जोधपुर संभाग) १८७१ साध्वश्री हस्तूजी (४५) पीपाड़ १८६७ मुनिश्री भीमजी (६३) रोयट १९०६ साध्वीश्री चक्रूजी (६५) बाजोली १९१३ , मयाजी (१०६) धड़ला १६१५ , कंकूजी (११३) उदयपुर १६३४ मुनिश्री सिरेमलजी (२०६) जोधपुर १९३७ साध्वीश्री ऋद्धजी (४३६) बडू १९४८ मुनिश्री पूनमचंदजी (२६२) पचपदरा १६५७ साध्वीश्री मानकंवरजी (३८०) फलोदी बाड़मेर (राज० जोधपुर संभाग) १९८१ मुनिश्री आसकरणजी (३६४) सरदारशहर ३ १९८६ , गणेशमलजी (४२२) जसोल ४ जोवनमलजी (जसोल) हस्तीमलजी , मुलतानमलजी , १. मुनि जीवोजी कृत चातुर्मासिक तप-विवरण ढा० २ गा० ५-६ में इस वर्ष व चातुर्मास ईड़वा लिखा है । आर्यादर्शन के अनुसार बाजोली है । < < < n n < Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003055
Book TitleTerapanth Pavas Pravas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNavratnamalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1986
Total Pages542
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size16 MB
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