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________________ १८० पावस-प्रवास » » चा० सं० अग्रगण्य नाम (दी० ऋ०) गांवठाणा सहयागी मुनि १९१५ साध्वीश्री मगदूजी 'बड़ा' (६६) नान्देसमा ४ १९३८ , अमृतांजी (१०६) गोगुंदा १९४३ , मघूजी (१९३) सारंगपुर १९४७ मुनिश्री पृथ्वीराजजी (२१६) उदयपुर १९५५ साध्वीश्री रंगूजी (२१५) मोटागांव १६५६ ॥ मगदूजी (३६५) रेलमगरा १६५७ , , १९६१ , चोथाजी (४१७) तारानगर १९६६ मुनिश्री फौजमलजी (२४२) लोटोती १६६८ , चुन्नीलालजी (२८१) सरदारशहर १६७१ साध्वीश्री जुहारांजी (५१६) फलौदी १९७३ , लाडांजी (६१०) लाडनूं १९७५ , चांदांजी (६७३) सरदारशहर १९७८ मुनिश्री छबीलचंदजी (२३०) सुधरी १९८० साध्वीश्री केशरजी (६२६) तारानगर १९८२ , मूलांजी (७४०) दिवेर । १९८४ मुनिश्री सागरमलजी (३४२) भिवानी छोगालालजी (बोराणा) मोतीलालजी (लाडनूं) १६८५ , सिरेमलजी (३७८) जसोल ३ तोलारामजी (सुजानगढ़) हीरालालजी (काल) १९८७ साध्वीश्री बिरदांजी (७०७) रतनगढ़ १६८६ , हुलासांजी (६८०) राजलदेसर १९६१ मुनिश्री बने चंदजी (३५३) मोखणुंदा रुघनाथजी (सिसाय) सोहनलालजी (सरदारशहर) अमीचंदजी (सिसाय) १९६२ साध्वीश्री सजनांजी (८७८) बीकानेर १६६४ मुनिश्री मांगीलालजी (३७६) पहुना ४ खूबचंदजी (लुहारी) हगामीलालजी (दौलतगढ़) मिलापचंदजी (बीदासर) १६६५ साध्वीश्री जुहारांजी (८६०) मोमासर x x x x rrrrrrrorm Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003055
Book TitleTerapanth Pavas Pravas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNavratnamalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1986
Total Pages542
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size16 MB
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