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मुनि श्री नवरत्नमल जो
जन्म विसं १६७८ आश्विन शुक्ल चतुर्थी
कलकत्ता। निवास स्थान : मोमासर (चूरू) राजस्थान । दोमा . वि. स. १६६४, कात्तिक कृष्णा अष्टमी
बीकानेर (राजस्थान)। शिक्षा : आचार्यश्री तुलसी के तत्त्वावधान मे राज
स्थानी, हिन्दी एवं संस्कृत का विशेष
अध्ययन। अपणो वि. स. २०१० राणावास (राजस्थान) ।
प्रणवत अनुशास्ता युगप्रधान आचार्यश्री तुलमो के प्रतिभाशाली विद्वान् शिष्य । कवि लेखक,सस्व-वेसा, इतिहास विशेषज्ञ । स २०३१ से साहित्य सृजन, साहित्य
सपादन एवं शोधकार्य में रत । प्रमुख कृतियां शासन समुद्र भाग १ मे १८ ।
जैन नत्त्व बोध (तात्त्विक) ज्ञान के रत्ल (गीतिका) अनेक आख्यान, गीतिकाएं छन्दादिक ।
विशेष
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