________________
१००
पावस-प्रवास चा० सं० अग्नगण्य नाम (बी० ऋ०) गांव ठाणा सहयोगी मुनि १९०८' साध्वीश्री चन्दनांजी (११६) उदयपुर १६११ मुनिश्री गुलहजारीजी (१०३) नगुरा १६१४ , जीवणजी (१६६) मोखणुंदा १९१५ साध्वीश्री नंदूजी 'बड़ा' (६२) लावा सरदारगढ़ ७ १६१६ मुनिश्री स्वरूपचंदजी (६२) रोयट १९१७ साध्वीश्री मोतांजी (१३६) गोगुंदा १९१८ मुनिश्री गुलहजारीजी (१०३) नगुरा १६१६ , स्वरूपचंदजी (६२) रोयट । १९२० आचार्य श्री जीतमलजी रोयट संत १६ साध्वीप्रमुखा सरदारांजी
आदि ३६ १९२१ मुनिश्री गुलहजारीजी (१०३) नगुरा १९२३ , नाथूजी (१५३) मोटागांव १६२४ साध्वीश्री हस्तूजी (१५२) चूरू १९२५ मुनिश्री गुलहजारीजी (१०३) नगुरा १६२६
" " " १६२७ १९२८ , , , , १६२६ , " " " १६३० , " " "
سه
१६३२ , , , , १६३३ , , , , १६३४ १९३५ साध्वीश्री नवलांजी 'बड़ा' (१८२) फलौदी ५ १६३६ , नवलांजी 'छोटा' (२४०) पाली १६३७ , पन्नांजी (१२६) चूरू १६३८ मुनिश्री चिमनजी (१४७) सूरवाल १६३६ , कालूजी (१६३) रेलमगरा १. 'आदर्श श्रावक श्री सागरमलजी बैद' पुस्तक पृष्ठ सं० १६२ में इस चातुर्मास का
उल्लेख है।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org