________________
पावस-प्रवास
س
ع
س
ر
ر
ر
سه
مم م
ر
ر
م
कासं० अग्रगण्य नाम (बी० ऋ०) गांव ठाणा सहयोगी मुनि १९७२ मुनिश्री फौजमलजी (२४२) लोटोती १९७३ साध्वीश्री पेफांजी (६२५) कांकरोली १९७४ मुनिश्री तेजमालजी (३२०) फतेहगढ़ १९७५ साध्वीश्री केशरजी (६२६) तारानगर १९७६ , चांदाजी (६७३) सरदारशहर १९७७ , लिछमांजी (४६४) सुजानगढ़ १६७८ मुनिश्री ऋषिरामजी (३७२) सिसाय १९७९ साध्वीश्री लिछमांजी (६३७) मोमासर १९८० , मघूजी (५६३) रीड़ी १९८१ मुनिश्री घासीरामजी (३५६) दिवेर ३ किशनलालजी (सुजानगढ़)
. तोलारामजी (सुजानगढ) १९८२ साध्वीश्री लिछमांजी (६३७) मोमासर १९८३ , सुन्दरजी (६८३) तारानगर । १९८४ , भत्तूजी (६८४) बीदासर १९८५ मुनिश्री आसकरणजी (४२४) सुजानगढ़ ३ मोतीलालजी (वास)
जंवरीमलजी (खाटू) १९८६ साध्वीश्री सुन्दरजी (६८३) तारानगर १९८७ मुनिश्री नथमलजी (३६४) बागोर ३ नेमीचन्दजी (सुजानगढ़)
- झमरमलजी (छापर) १९८८ साध्वीश्री भीखांजी (७८३) बीदासर १९८६ , मालूजी (७०६) सरदारशहर १६६० मुनिश्री घासीरामजी (३५६) दिवेर __ ३ गुणचन्दजी (पचपदरा)
शुभकरणजी (तारानगर) १६६१ साध्वीश्री मघूजी (५६३) रीड़ी १६६२ , चूनांजी (८१९) बीदासर ५ १९६३ आचार्यश्री कालगणी छापर संत २४ साध्वीश्री झमकजी' आदि २५ १९९४ मुनिश्री रंगलालजी (३३६) राजाजी का करेड़ा ४ प्यारचन्दजी 'बड़ा' (पितास)
पांचीरामजी (मोमासर)
सोहनलालजी (श्रीडूंगरगढ़) १. साध्वी-प्रमुखा कानकंवरजी राजलदेसर में स्थिरवास कर रही थीं। .. .
CWCK.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org