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________________ शक्ति की श्रेयस् यात्रा और सामायिक १३१ दूसरों को ठगेगा । साथ-साथ स्वयं को भी ठगेगा । उसकी सारी यात्रा अश्रेयस् की यात्रा होती है, अकल्याण की यात्रा होती है । किन्तु जब ज्ञान और शक्ति-दोनों एक साथ घटित होते हैं तब व्यक्ति का सारा पुरुषार्थ, सारा पराक्रम श्रेयस् में लग जाता है । उसकी समूची यात्रा श्रेयस् की, कल्याण की ओर होती है । वह स्वयं को जानने का प्रयत्न करता है, स्वयं को पाने का प्रयत्न करता है और जब व्यक्ति स्वयं को जानने और पाने का प्रयत्न करता है तब वह दूसरों के लिए अहितकर, अकल्याण कर या अश्रेयस्कर हो नहीं सकता । हजार प्रयत्ल करने पर या हजार परिस्थितियों के आने पर भी वह अनिष्ट, अहित या अश्रेयस् नहीं कर सकता । जो व्यक्ति अपनेआपको देखना या जानना प्रारम्भ कर लेता है, उसे इतनी बड़ी सचाई उपलब्ध हो जाती है, मूर्छा के सारे वलय इस प्रकार टूट जाते हैं कि वह फिर मूर्छा के चक्रवात में नहीं फंसता । वह मूर्छा से चालित नहीं होता, आज तक वह उस बिन्दु से प्रेरित होता रहा है जिसकी आदि नहीं खोजी जा सकती है । वह उस मूर्छा के थपेड़ों से प्रताड़ित होता रहा है, जिससे छूटने का प्रयत्न करने पर भी नहीं छूट पाया है। किन्तु जब स्वयं को जानने-देखने की अभीप्सा तीव्र होती है तब ऐसा बिन्दु आता है कि मूर्छा का वलय टूटने लगता है, मूर्छा की तन्द्रा समाप्त होती है और आदमी जाग जाता है | जागरण की अवस्था में कुछ विचित्र-सा घटित होता है । जागरण का क्षण एक व्यक्ति में जब जागरण घटित हो गया तब उसने कहा बन्धो ! क्रोध ! विधेहि किञ्चिदपरं स्वस्याधिवासास्पदं, भ्रातर ! मान ! भवानपि प्रचलतु, त्वं देवि ! माये व्रज । हंहो ! लोभ ! सखे ! यथाभिलषित गच्छ द्रुतं वश्यतां, नीतः शान्तरसस्य सम्प्रति लसद्वाचा गुरुणाामहम् ॥ ___-भाई क्रोध ! अब तुम अपना दूसरा ठिकाना खोज लो । इस स्थान में तुम्हें अब अवकाश नहीं है ।' क्रोध ने सोचा- 'यह क्या ? यह कैसा पागल है । हम अनन्त काल से साथ रह रहे हैं। आज अचानक मुझे बाहर ढ़केल रहा है । यह क्या हो गया ?' साधक ने मान को सम्बोधित कर कहा-'भाई Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003047
Book TitleSamayik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year
Total Pages198
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size8 MB
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