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कवि - अब्दुल रहमान - कृत
सन्देश रासक
[ संस्कृत-टिप्पनक-अवचूरिकादिसमेत अपभ्रंश मूलग्रन्थ तथा आंग्लभाषानुवाद- विस्तृत प्रस्तावना - टिप्पणी- शब्दकोषादि समन्वित ]
प्रो० हरि वल्लभ भायाणी, एम्. ए.
प्राध्यापक प्राकृत, संस्कृत एवं प्राचीन गुजराती आदि तुलनात्मक भाषाशास्र )
संपादक
श्री जिन विजय मुनि
( सम्मान्य नियामक - भारतीय विद्या भवन )
तथा
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प्रकाश क
श्री जयन्तकृष्ण ह० दवे, एम्. ए., एलएल. बी.,
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भारतीय विद्या भवन बंबई
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विक्रमाब्द २००१] * प्रथमावृत्ति; पंचशत प्रति * [ १९४५ ख्रिस्ताब्द
[ मूल्य रू० ७-८-०] *
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