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सन्देश रा स क शब्द कोष ।
[अकाराविक्रमानुसार]
| अच्छ - अस् (गु. छु, छे, इ.) अच्छउँ
७९, °उ २०७, अच्छइ ६७, अच्छिहि अ ११३ च (१)
(°च्छ॰) १६७ अइ २१७ कोमलालापेऽव्ययम्
[अ]च्छय १३३ अच्छ अइआवलय ११३ (= अति+आकुल ?) अत्युत्सुक
[अ]च्छि २०७,२२३ (यथा-दीहरच्छि, अइउन्हय १३२ अत्युष्ण
दीहच्छि) अक्षि अइखिन्नि १५१ अतिखिन्ना
अज १०९ भद्य (हिं. गु. आज) अइह २३ अतिस्नेह
अट्ट ३१ अष्ट (हिं. गु. आठ) अइत्थि (अयस्थि) १५९ अगस्ति [ नक्षत्र ] |
अण° (यथा- अणाइ, अणायर, अणंत, अणंग)
नमर्थ अव्यय (गु. भण°) अइदुग्ग १५९ अतिदुर्ग अइधिट्टि १८४ अतिवृष्टा
अणकिय १०२ अकृत
अणरइ १०५ अरति अइमणहर २१६ अतिमनोहर अइमल्हिरय ५० अति+मल्हिरः [ V मल्ह
अणरसिय १८५ अरसिक लीलाकरणे] अतिशयलीलायुक्त, अतिमन्थर.
अणरुइ (द्र० अणिरइ) १९९ अरुचि (गु. महालवु)
अणक्खर २२२ अनक्षर (अनुचितवच
नार्थक) अइरावइ १४० [ऐरावती ] विद्युत्
अणंग ५२ अनंग अइ-सच्छयइ १३३= अतिसच्छायति(?)
अणंतु २२३ अनंत अधिकं शोभते
अणल १२० अनल अउव्व २१९ अपूर्व
अणाइ २२३ अनादि अंसु ८७ अंशु= कान्ति
अणायर १८६ अनादर [ सुय १५० अश्रु (हिं. गु. आँसु)
अणि मिस १४७ अनिमिष अकयत्थ ९२ अकृतार्थ
अणिरइ १९९ (द्र० अणरुइ) भरुचि अर्थक [अ]करिस (उ) १९५ उत्कर्ष
अणुअंचि १३० अणु+अंच्; [द्र० भविसयत्त[अ]क्खर १९ अक्षर = वर्ण
___कहा- अणुअंचि] अनुगत्य अक्खि १७६ अक्षि (हिं. गु. आँख)
अणुराय १५७ अनुराग अगर १८९ अगर
अणुराइय° २२ [*अनुरागिक] अनुरागिन् [अ]ग्ग १५४ अग्र
अणुसरिय २८ अनुसृत अग्गइ१५१ अग्रे= अतः परम् (हिं.गु. आगे) अणेग° १७७ अनेक [अ]ग्गि २४ अग्नि (हिं. गु. आग) [अ]त्त २५ आर्त (यथा-दुक्खत्त = दुःखात) अग्गीहर १९४ [°हर = घर] अग्निगृह अत्थ° ९२ अर्थ अचिंतिय २२३ भचिंतित
अत्थम ११३ अस्तमन अच्चरिय १२० आश्चर्य (हिं. गु. अचरज) अत्थमण ११७ = अस्तमयन अञ्चहिय २२१ अत्यधिक
अद्ध २५ अध्वन्
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