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अद्यैव वा मरणमस्तु युगान्तरे वा
न्याय्यात् पथः प्रविचलन्ति पदं न धीराः ॥ २६५ ॥ नो चिन्तामणयो न कल्पतरवो नाष्टौ महासिद्धयस् ताव- देहवशाः परोपकृतये नास्माभिरप्यर्जिताः । नेदं मज्जति मानसं च चपलं ब्रह्मामृताम्भोनिधौ
धिग् धिक् कर्मकुटीमिमां तदपि न त्यक्तुं वयं शक्नुमः ॥ २६६ ॥ परिभ्रमसि किं वृथा वचन चित्त विश्राम्यतां
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स्वयं भवति यद् यथा भवति तत् तथा नान्यथा ।
भर्तृहरिसुभाषितसंग्रह
अतीतमननुस्मरन्नपि च भाव्यसंकल्पयन्
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अतर्कितगमागमाननुभवामि भोगानहम् ॥ २६७ ॥
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Jat स्तुवंति ') A3Y3 लक्ष्मी. यथेच्छं . * ) W2 - मरणमेव. नार्यास्त्वतः (for न्याय्यात् पथः ). C न धीरसत्त्वाः; G4 पदान्न धीराः.
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C परापततुः Yr समादिशतु B3 Eo - 2.5 Ie M1. 3. 6 4) A2 B C E5 F1 J23 Ms न्यायात्पथः; Jat न्यायात्पदं; Ms Aa Eit प्रतिचलंति; Js ( by corr.) G1 M1. 2 प्रचलयंति.
BIS. 3723 (1581 ) Bhartr. ed. Bohl. 2. 81. Haeb, 10 lith ed. I and III. 82. Galan 87. Sanskrtapathopa 62. Subhash. 61, 303; Sp. 225 ( Bh.) ; SRE. p. 78. 11 (Bh.); SBH. 278; SRH. 28. 12 (Bh.); SRK. p. 50. 2 (Prasangaratnavali); Alarikāraratnākara 471; ST 2. 1 ( Bh. ) ; SA. 24. 119; SHV. f. 47. 342 ( Bh.) ; SU. 1447; PT. 1. 39; SSD. 2. f. 99a; SMV. 28. 22; JSV. 173. 4; SKG. f. 17b.
266 { V} Found in AD E3 ( V extra 5 ) ; E ( V111 = 113, extra); F1. 2 (V113); EVB5 V 175 ( extra ). [ Also BORI 329 and Punjab 2101 V 96; GVS 2387 V 111; BORI 328 V 125 (128); RASB G 7747 V 110 (113); Punjab 697 V118]. - 9 ) F 1. 2 नोष्टौ ( for नाष्टौ ). - " ) DF 1. 9 वशात्. DE34 1.2 कृतयो (for " कृतये ). D अभ्युज्झिताः; F1.2 अध्यार्जिताः. * ) I 1.2 परम- (for चपलं ). d) BVB5 कूर्मकुटीम्. D त्यक्तुं न शक्ता वयं.
SRB. p. 214. 75.
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267 { V } Found only in S.
4) X1 Yr
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मुदा; X2 Y1.2.4-6.8 T G2-5 युधा. X2 विभ्राम्यतां ; Yr M1-30 विश्रम्यतां. 2) C1 M1. 2 यदा; M3 यथा ( for स्वयं). Y1B ( by corr) भ्रमति (for the first भवति ). Y7 तत्तदा ( for तत्तथा ). W Y2 (orig. ) अपि न स्मरन्; X G+ अनुविस्मरन् अपि संस्मरन्. W2.4 भाग्यसंकल्पयन् ; X बाध्यसंकल्पवत्. d) X कुतर्कगमना (for अतर्कितगमा - ). Y - 6.8T G1.5 -समागमान् (for - गमागमान् ) W अनुभव स्वभोगानिह. Y: भोगाननं.
BIS. 3963 (1718) Bharty. ed. Bohl. 3. 63. Haeb. and lith. od. III. 61. lith. ed. I. 52. Galan 57; SBH, 3153 ( Ksemendra); SRK. p. 92.9 ( Sphutaśloka); SSD. 4, f, 30&.
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