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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे इत्थं चेमौ रजनिदिवसौ दोलयन् द्वाविवाक्षौ __कालः काल्या सह बहुकलः क्रीडति प्राणिसारैः ॥ १७१ ॥ तपस्यन्तः सन्तः किमधिनिवसामः सुरनदी
गुणोदारान् दारानुत परिचरामः सविनयम् । पिबामः शास्त्रौघानुत विविधकाव्यामृतरसान्
न विद्मः किं कुर्मः कतिपयनिमेषायुषि जने ॥ १७२ ॥ आशा नाम नदी मनोरथजला तृष्णातरङ्गाकुला
रागग्राहवती वितर्कविहगा धैर्यद्रुमध्वंसिनी । मोहावर्तसुदुस्तरातिगहना प्रोत्तुङ्गचिन्तातटी
तस्याः पारगता विशुद्धमनसो नन्दन्तु योगीश्वराः ॥ १७३ ॥
Y1.2.4-8 T3 G_M नेयो; Y3 चोभौ; T1.2 नेयै (for चेमौ). JY1.3-8 T C2-5 M1.5 लोलयन्द्राविवाऔः G1 लोलयंत्राविविश्लीः M.3 लोलयंत्राविवाक्षौ: M: लोलयद्वाविवाक्षौ. -4) D Y2, 4-6.8 T G1.2t.4.5 M1 कल्यो : E F (m,v. as in text) Y3 G2e. s कल्या ; F2.3 कल्यैः ; Yकाल्यो . [G2.3 com. कल्या -स्वपल्या ]. S (except Gic. sc. M2--5) भुवनफलके (Gst कैः) (for सह बहकल:). Wat. 3.4 क्रीडते. Ai(t orig.).2.3 E I Ja प्राणसारैः; B प्राणशारः; B2 C WIXY1.2.4-8. 8 T1.2 G2-5 M1.4 प्राणिशारैः; Eot M3.. प्राणिसारे; Y: प्राणिजालैः; T3 प्रा* शांतः; GM प्राणिनाशैः.
BIS. 5077 (2294) Bhartr. ed. Bolil. 3. 43. Faeb, and Galan 39. lith, ed. I. 40. II. 38: SRB. p. 374. 199: SKM. 131.54 (Candraka); SRH. 35.50 ( Bh.); SRK. p. 100.3 (Bh.); Kavyānusāsana of Vagbhata.1(KM. 46, p.6); Kavikanthabharana 4 (KM. 4, p. 137, Candraka); SN. 811; SSD.4. f.5b.
172 Om. in GVS2387, probably missing fol. in original. - ") Cइह; D उत; Est.it IMi अपि; Ec[2] G1 M2 इति (for अधि-). Est न वसामः. -") JY धारान् (for द्वारा परिचरयाम, परिचयामः; Msपरिसरामः सविनयीIIT Y2 स्वविषयान; Mt. सकुतुक. --- ) Aot Eot शास्त्रीथान B शास्त्रोत्थान: Foc शस्त्रौघान: Est शस्त्रौवाधान; F5 Y1. 4-6 शास्त्रार्थान; JM1. शास्त्रांबूनि. Eo. 2. 5 (and Ec) दत- Est.it om. (tor उत). [ com. द्रुत-श्रुत for स्त्रत?] Dat.at विविधतम- G1 उत वदत (tor उत विविधः). Hit कायामृत.. J3-रसं (for -रसान).-d)D X2t न विघ्नः- W निमेषायधि.
DIS. 2493 (1001) Bhartr. ed. Bohl. 3.77. Haeb. and lith. ed. III. 74. lith. ed. II. 41, I. 76. Galan 70%; SHV. app. I. f. 1a. 4 (Bh.).
- 173 Punjab 2101, V extra 2. 4. - ") D विकर्त-; Y विकर्क-. J1c -गहना; W -विग्रहा ( for -विहगा). W धर्मद्रुम-.-") Xi [अ]पि; Ms सु. (for [अ]ति-). I प्रोत्तंग; W1.3 उत्तंग- C-चिंतातटा; H-चिंताटवी.-) Bपारमिता: Eat तीरगता. II. "मनसा. A3 D Eat F (except Fi) E Jit.28 नंदंति.
___BIS. 1047 (397) Bhartr. ed. Bohl. Haeb. lith.ed. I and Galan 3. 11. lith.ed. II. 45. Subhash.7 and 97; Sp. 4103 (Bh.); SR B. p. 367.76 (Bh.); SRH. 200.33 (Bh.); SRK. p. 67.8 (Bh.); Santis.4.26%; SK.7.16BSV.10103; SL..400; SN, 347; SSD.4.1.25b.
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