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शृङ्गारश्लोकाः। यदपि च न कृतं नितम्बिनीनां स्तनपतनावधि जीवितं रतं वा॥१२८ व्यादीर्घेण चलेन वक्रगतिना तेजस्विना भोगिना . नीलाब्जद्युतिनाहिना वरमहं दष्टो न,तच्चक्षुषा । दष्टे सन्ति चिकित्सका दिशि दिशि प्रायेण धर्मार्थिनी
मुग्धाक्षीक्षणवीक्षितस्य न हि मे मत्रो न चाप्यौषधम् ॥१२९॥ सति प्रदीपे सत्यनौ सत्सु तारामणीन्दुषु । विना मे मृगशावाक्ष्या तमोभूतमिदं जगत् ॥ १३० ॥
मुखेन चन्द्रकान्तेन महानीलैः शिरोरुहैः।
BIS. 1103 (422) Bharty.ed. Bohl. and lith.ed. III.1.28. lith. ed. II.78: Sp. 564 (Silabhatta + Bhojarāja); SRB. p. 205. 7 (Śilabhattāraka + Bhojarāja); Kāvyaprakāśa. 7. 222; Kavyapradipa (KM. 24, p. 251); AMD. 341; Udābara. nacandrika ; SHV. app. I. 1. 8a. 21 (Bhoja?); SLP. 5. 14 (Bh.). ____129 com. this stanza (but S82 in C2). - ") A B D X ज्यादीघेण; Fat.v M. व्याकीर्णेन; Wi.se.se.आदीर्घेण; Y भ्रदीर्घण; Gi व्यादीर्णन (for न्यादीर्पण). FI बलेन; M खलेन (for चलेन). Es Ic WE X1 Get वक्रगतिना; G4 वक्रशशिना.-") A0 -पर: A.. J. om. -हिना. X. 'धुतिनाहिमा. D Eet. It F3-5 I वरमहो; Jit.2 Y1 (printed text).4-8.8 TGM परमहं (G Ms 'हो) (for वरमहं). Y नीलालातिनापि सादरमहो. Est F1, 2 Xa teta; Jicet ; Wic, 2-4 gua; Yi(printed text). 2.4-8 G2.8. 6 M1.2.4.दष्टोस्सि; Ms दोषोस्ति (for दष्टो न). G+ मच्चक्षुषा; M3 तच्चक्षुषां.-) D Est Fa Hit x re; JIY+-0.8 T1 दष्टः; Wit दष्टाः ; Wat. st.4 दृप्साः (for दष्ट). B2 Eot Hit It चिकित्सिका. Jat Gi.4M धर्मात्मनो (for "र्थिनो).-") B1 Gst मुग्धाक्षिक्षण 'क्षीक्षणविक्षतस्य; M1.3 °क्षीक्षणमीक्षितस्य; M4. क्षीक्षणवेधितस्य. [A BY1 Ti G2.3 coms. मुग्धाक्षी+क्षण, E H I W coms. मुग्धाक्षी+ईक्षण]. Y3 न च मे. As BF2-5 HJS (except x) वैद्यो (for मत्रो). F2 चाप्यौषधी; Ya चान्यौषधं; Ms. 5 चान्यौषध, (for चाप्यौषधम् ).
BIS. 935 (342) Bhartr. ed. Bohl, and lith. ed. III. 1. 86. Haeb. 89. lith. ed. II.79. Satakav.743 SLP.5.15 (Bh.). . 130 Om. in NS1. - १) B1 सत्यग्यौ ; s (except W T [Ti. c. v. as in text]) सत्य (for सत्यमौ).-') B I नानामणीष्वपि; E°मणीषु च; F1.2°महत्स्वपि; W तारारवींदुषुx तारासु चंद्रमा;Y: ताराधिपेंदुषु. - ") F विना नो (m.v. 'नापि); T विना तन्- Ms. विना तु (for विना मे). A FI Y2.3 G1. 2 मृगशावाझ्यास; Est मृतसावाक्ष्या. --4) F2 मनोभूतम्,
BIS. 6700 (3118) Bhartr. ed. Bohl. 1. 14. Haeb. 16. lith. ed. II. 72. Kavyas. 15 ; SRB. p. 277.9 (Amaruka); SBH. 1235; Amarusataka (NSP. ed.) 1533; SLP.5.8 (Bh.).
1310) A Est Y1 (A and n) सरोरुहः (for शिरों). - ") H ओष्ठाभ्यां; Y TI कराभ्यां (for पाणिभ्यां). Hit विद्वमाभाभ्यां; H विद्रुमाभ्यां च; Wi.s om. ( hapl.) (for पपरागाभ्या). -4) D It मणिमयीव; Ys रसमयैव.
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