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नीतिश्लोकाः ।
शौर्यं शत्रुजने क्षमा गुरुजने नारीजने धूर्तता
करे
ये चैवं पुरुषाः कलासु कुशलास् तेष्वेव लोकस्थितिः ॥ ७१ ॥ श्लाघ्य त्यागः शिरसि गुरुपादप्रणमता मुखे सत्या वाणी विजयि भुजयोर्वीर्यमतुलम् । हृदि स्वच्छा वृत्तिः श्रुतमधिगतं च श्रवणयोर् विनाप्यैश्वर्येण प्रकृतिमहतां मण्डनमिदम् ॥ ७२ ॥ वहति भुवनश्रेणीं शेषः फणाफलकस्थितां कमठपतिना मध्येपृष्ठं सदा स च धार्यते ।
समयः खल ). B1 J 1 खलु (for खल- ). AEIW≠ X Y 27.8T1.3 G4.5 M3 चार्जवं ; B1 F2. 3. 5 EJ W1–3 Y1.4-6 G1-3 M1. 2. 4. 5 - स्वार्जवं ; B2 त्वार्जवं ; CF1. 4 T3 Y3 [s] प्यार्जवं ; D - स्यार्जवं (for * आर्जवम् ). - ) T1 G5 कांता- (for नारी ). Y10. v. T1G4.5M45 धृष्टता ( for धूर्तता ). - 2) F1 ये त्वेवं; F3 एवं ये; J1.3 येत्येवं; J2 येप्येवं; X 2 यद्येवं; Y: येष्वेवं (for ये चैवं ). Y2 कलासु निपुणास्; M4.5 कलौ सुकुशलास्. Ga M2.3 ये चैवं कुशला भवंति पुरुषास्; G2c. 3. 5 यैश्चैवं पुरुषैः कलासु कुशलैस (up to caesura ). H तेषां हि लोके स्थितिः; Js तैरेव भूर्भूषिताः; Y7 तेष्वेव लोकः स्थितः; G1 M2. 3 तेष्वेव लोकज्ञता.
BIS. 2738 (1125 ) Bhartr. ed. Bohl. 2. 19. Haeb. 94. lith ed. I. and III. 21, II and Galan 22. Satakāv. 91. Subhash 212. Prasangabh. 5; SRB. p. 179.1039; SBH. 2946; SRK. p. 14. 36 (Bh.); SA. 24. 44; Canakyanītidarpana 12. 3; VS. 343 (Bh.); SHV. f. 100b. 44; SS. 6. 37; SSD. 2. f. 94a; SMV. 28. 21.
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72* Om, in I and BORI 329. 4 ) Eat Ya श्लाघस्त्यागः ; F2 श्लाघ्यं दानं Eot F3 गुरुपदे (for -पाद- ). A B2 E2.3 13.5 II Gt. v. - प्रणमनं; B1 D -प्रणयनं; C Eo. 1. 5 F1. 2. 4 J W X Y 1–6. 7. 3T G2 - 5 M1 - प्रणयिता; Xo -प्रवणता ; G1 M2. 3 - प्रणतिता (for प्रणमता found only_in_M+. 5 ). The portions after caesura in 72 and 72° are transposed (with_var.) in E2. - - 3 ) B Eo. 1.5 J1 W1-3 X 2 विजय ; Y2 जयति ( for विजयि ). C पौरुषमपि; E2 H पौरुषमहो; J2 शौर्यमतुलं (for वीर्यमतुलम्) -°) A1 (orig.). 21 F1 (t.v. as in text ). 2. 3 W1-3 X1 Y14. 3 स्वस्था; W+ स्वान्या (for स्वच्छा ). [ A1 com. स्वस्था वृत्तिः कहतां संतोषवृत्तिः ] E2 श्रुतिम् ; Ji शुतिम् (for श्रुतम् ). Fs अवगतं च श्रवणयोर; W अधिगतैकव्रतफलं - 4 ) A1 प्रकृत ( com. स्वभाव ) महतां . C मंदनम् ; Wa
मंडितम् (for मण्डनम् ).
BIS. 1543 (601) Bhartr. ed. Bohl. 2. 55. Haeb. 95. lith ed. I. 64, II. 65. Subhash. 56, 315; SRB. p. 52. 210; SRK. p. 18. 72 (Bh.); PT. 1. 63; SSD. 2. f. 93a; SSV. 16; JSV. 13. 12, 182. 9.
73* Om in BORI 329 and NS2. – 4 ) Es भवनश्रेणीं; J2 W1 Y2.4-8T1G5M4 भुवनश्रेणिं. C - फलका स्थितां ; W1. 2. 3. 4 -फणकस्थितां; M4.0 - फलक स्थिता. - ' ) T8 कमथ' ; Ms कमल (for कमठ ). CY3 G1 मध्ये पृष्ठे ; Eo. 1. 2. 3. 5 मध्ये कष्टं; X doubtful (Xi probably by corr. मध्ये पृष्ठे and X2 मध्ये पृष्ठ ); Y2 मध्येतोयं. E2 सदैव च धीयते ; E3 तदेव हि धार्यते; It तदेव च धार्यते; W1.2 सदा स विधार्यते; X1 स चा (marg. सदा ) - प्यवधीयते ; X2 स च स धार्यते ( corrupt). ९ ) B1 तदपि J तमथ (for तमपि ). कोडो धीरं ; J2 क्रीडाधीनं; Ys क्रोडोडीनं; M1.5 क्रोधालीनं (for क्रोडाधीनं ). C पयोधिरना* * दू; F2.5 J पयोनिधिरादराद्; W1.3 पयोनिधिरनादराद् : M1.5 पयोनिधिमनादरादू. -- *) 1) सतां (for महतां ). Y3 निःसीमास्ताश् (tor मानश).
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