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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे गुणवदगुणवद् वा कुर्वता कार्यजातं
परिणतिरवधार्या यत्नतः पण्डितेन । अतिरभसकृतातां कर्मणामा विपत्तेर् __ भवति हृदयदाही शल्यतुल्यो विपाकः ॥ ४५ ॥ वने रणे शत्रुजलाग्निमध्ये महार्णवे पर्वतमस्तके वा । सुप्तं प्रमत्तं विषमस्थितं वा रक्षन्ति पुण्यानि पुराकृतानि ॥४६॥ भीमं वनं भवति तस्य पुरं प्रधान
सर्वो जनः स्वजनतामुपयाति तस्य । कृत्स्ना च भूर्भवति सन्निधिरत्नपूर्णा
यस्यास्ति पूर्वसुकृतं विपुलं नरस्य ॥ ४७ ॥
45 ") Ba H सगुणमपगुणं वा; C Yic उचितमनुचितं वा; J३ गुणवदगुणजाता; Wa.. गुणवदगुणबद्धा. X कुर्वतो. A0-20 Eit Fs W कार्यमादौ; As कार्यजाता; Est 'यातं;Js Ts
जालं.-.) Bit अतिरसभ. X विपत्तौ (for 'त्तेर).-")Y हृदयदावा: M. तापी (for 'दाही). A2 शीलतुल्यो; J2 तुल्यकुल्यो ( for शल्यतुल्यो).
BIS. 2122 (843) Bhartr.ed. Bohl. and lith. ed. I. 2. 97. Haeb. 52. Galan 103%; Sp.1391; SRB. p. 93.82 and p. 176. 9733; SBH. 2394; SRK. p.77.9 and p. 243. 13 (Bh.); SHV. 1. 94b. 45; SS. 52.2; SN. 747; SSD. 2. 1. 133b; SSV. 364; BPB. 24; SKG. f. 5b.
46 ) M1. वने जने; M3 परे वने (for वने रणे). W°जलाग्निमलानिमध्ये. -') Eo F4 W Ya संकटे वा; X G.3 Ms. 4 मस्तके च ( M4 °केव); T3 °कंदरायां (for 'मस्तके वा). -) प्रबुद्ध (for प्रमत्तं). Eo. 2. ३ (orig.) विषमं स्थितं वा;X विषमस्थितं च; G स्थलेच. -4) कर्माणि (for पुण्यानि). Jit पूर्वकृतानि; M2 पुरातनानि (for कृतानि)....
BIS. 5933 (2720) Bhartr. ed. Bohl. and lith. ed. I.2.95, II. 97. III. 96. Haeb. 54. Galan 99. Subhash. 110. Vikramacaritra 42; SRB, p. 92. 56; SRK. p. 76.7 (ST.); SA. 24. 633; SHV. f. 6la; SSD. 2. f. 120a%3 SMV. 25.5%BJS. 26.
47 ) F3 जगति; Jaom.; Ya. विशतु (for भवति). As Ji Y+-8.8 TIGs यस्य (for तस्य). परं; F T2 पुर- (for पुरं). DF2.5 JitxY... Ts G सर्वे जनाः: Wi
for सों जनः). Wa om. hapl. जनः स्व. BCE. W X Y1 G1 M3. सुजनताम्. (A0.1 com. सजनभाव [perhaps from सजनताम्]). D F.Wax Y... T3 G+ उपयांति; J2. समुपैति. J G2.5 सद्यः; Y1B यस्य (for तस्य).-°C कृरत्रापि J1 कृच्छ्रा च; Wit वांछा च; Yo कृत्या च (for कृत्वा च). D भूर्भवतु; J1 भूर्भवन; Ms भूमिवति (for भूर्भवति). F4 संचित; H Ji Y1.8 संनिधि- (for समिधि-). [Ji com. कृच्छा च भूः= यल्ला (-कृत्स्ना) भूमियु].-") Eot विफलं (for विपुल).
BIS, 4594 (2051) Bhartr. ed. Bohl. 2. 99. Haeb. 55. lith, ed. I. 100, Galan 101. Subhash.41; SRB.p.92.743B SHV.f. 6la, SS.10.20%B SSD.2.1.120a.
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