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नीतिश्लोकाः ।
परगुणपरमाणून् पर्वतीकृत्य नित्यं
निजहृदि विकसन्तः सन्ति सन्तः कियन्तः ॥ १९ ॥ इतः स्वपिति केशवः कुलमितस् तदीयद्विषाम् इतश् च शरणार्थिनः शिखरि पत्रिणः शेरते ।. इतोऽपि वडवानलः सह समस्तसंवर्तकैर्
अहो विततमूर्जितं भरसहं च सिन्धोर्वपुः ॥ २०॥ कचिद् भूमौ शय्या' कचिदपि च पर्यङ्कशयनं
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कचिच् छाकाहारः कचिदपि च शाल्योदनरुचिः । कचित् कन्थाधारी क्वचिदपि च दिव्याम्बरधरो
मनस्वी कार्यार्थी गणयति न दुःखं न च सुखम् ॥२१॥
BIS. 4691 (2106) Bhartr. ed. Bohl. 2. 71. Haeb. 15. lith, ed. I. 77, II and Galan 79. Prasañigābh. 9. Subhāsh. 304 ; SRB. p. 51. 221; SRK. p. 18.76 (ST.) ; SS. 26. 10; PT. 1. 60; SG. f. 10b (Bh.); SSD. 2. f. 93b; SSV. 426; JS. 71; SKG. f. 20b, 22a.
20 ) Aot D इति ( for इतः ) D Eat J1 W X3.1 G3 स्वपति ( for स्वपिति ). - 0 ) Y2. 5. 6.8 T1 शरणार्थिनां (for र्थिनः ). CDF 2 J3 S ( except W1 X1 ) शिखरि ( Y3 *रणां गणाः ( G4 °णः परा ); J1 शिखरिपत्रिणाः. ± ) A B2 E H1c I X1 इतश्च ( for इतोऽपि ). Ga Ma सह समस्त कैवर्तकैर्; G+ सकलभूत संवर्तकस्. - d ) G+ वहो (for अहो ). F1 विभवमूर्जितं ; Hic. v. विततमूर्छितं ; J1 विरतमूर्जितं ; J2 विदितमूर्जितं. G4 M5 परसहं ; M+ वरसहं (for भरसहं ). Y हि (for च ).
BIS, 1095 (419) Bhartr. ed Bohl 268. Haeb. 16. lith ed. I. 75. Galan 77. Subhash. 305; Sp. 1093 (Bh.); SRB. p. 216. 25 (Bh.); SBH. 886; SRH. 168. 41; SRK. p. 195. 9 ( Bh. ) ; Com. on Sarasvatikanthābharana 4.49; AMD. 818 ; SSD. 2. f. 80a.
21 ) Ec भूमौ शय्या ; Ji GM भूमौ शायी ; Y4. 6. 7 T पृथ्वीशय्यः (T3 य्या); Ye G 2. 3 भूमौ शेते ( for भूमौ शय्या). B Eo ( and Ec ) F2 J1.3 X Y 2. 4-7 T3G M पर्यकशयन:; W2 शयने. (d ) F3 J2 G8 शाखाहारः; J1W Y23 G1 M1-3 शाकाहारी; X2 शोकाहारः (for शाकाहारः ). F3 शाल्यौदनरुचिः ; F+ मिष्टाशन रुचिः - ● ) Hit.2 J 1 कंथामाली ; J2 कंधापूरी; X कंथाधारः ; G3 M1-3 कंधाधारी CW2-4 चित्रांबरधरो ; Y2 दिव्यांबरधनो ( for 'धरो ). (d) Bia; DF 2 – 3 I J 2.3 S ( except X 2 ) न गणयति ; Es न गयति ( for गणयति न ). We transp. दुःखं and सुखम्.
BIS. 1987* (772) Bhartr. ed Bobl. 279. Haeb. 18. lith ed. I. 80. Galan 82. Satakäv. 80. Subhash. 305; Šp. 4098 ( Bh. ) ; SHIB. p. 369.39 ( Bh. ); SBH. 2940 SKM. 7. 10; SRH. 168. 40; VS. 350 (Bh.); SHV. f. 71a (Bh.), 87a; SS. 64. 1; SK. 7. 32; SMV. 8. 12; JSV. 168. 5 (var, bacd.).
२ भ. सु.
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