________________
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
गहा
एमाओ ।
इन्दगोवगमाईया, लोएगदेसे ते सव्वे, न सव्वत्थ वियाहिया ॥ १३९॥
इन्दगोवय-इन्द्रगोयक (वीरबहूटी) इत्यादि त्रीन्द्रिय जीवों के अनेक प्रकार कहे गये हैं। ये सभी लोक के एक देश ( अंश या भाग) में ही हैं, समस्त लोक में नहीं हैं ॥१३९॥
षट्त्रिंश अध्ययन [५१४
Various kinds of three-sensed movable beings, like-cochineal etc. These all are in a part of universe (loka) not in whole universe. (139)
संतई पप्पऽणाईया,
अपज्जवसिया वि य । ठि पडुच्च साईया, सपज्जवसिया वि य ॥ १४०॥
संतति - प्रवाह की अपेक्षा से ये त्रीन्द्रिय जीव अनादि-अनन्त हैं और स्थिति की अपेक्षा से सादि- सान्त भी हैं ॥१४०॥
Regarding continuity these three-sensed mobile beings are beginningless and endless; but due to individual age duration, they have beginning and an end too. (140)
एगूणपण्णऽहोरत्ता, उक्कोसेण वियाहिया ।
तेइन्दिय आउठिई, अन्तोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १४१ ॥
त्रीन्द्रिय जीवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति उनपचास (४९) दिन - रात्रि की और जघन्य आयुस्थिति अन्तर्मुहूर्त की बताई गई है || १४१॥
The longest age duration of three-sensed mobile beings is of fortynine days and nights and shortest is of only antarmuhūrta (141)
संखिज्जकालमुक्कोसं, अन्तोमुहुत्तं जहन्नयं । तेइन्दियकायठिई, तं कायं तु अमुंचओ ॥ १४२ ॥
उस त्रीन्द्रिय की (काय को न छोड़कर बार-बार उसी काय में जन्म-मरण करने का काल ) कायस्थिति उत्कृष्टतः असंख्यात काल की है और जघन्यतः अन्तर्मुहूर्त की है || १४२ ॥
The longest body duration (by births and deaths in the same body) of three-sensed mobile beings is of innumerable time and shortest is of antarmuhurta. (142)
अणन्तकालमुक्कोसं, अन्तोमुहुत्तं जहन्नयं ।
तेइन्दियजीवाणं, अन्तरेयं वियाहियं ॥ १४३॥
उन त्रीन्द्रिय जीवों का अन्तर ( त्रीन्द्रिय काय को छोड़कर अन्य कार्यों में परिभ्रमण करके पुनः त्रीन्द्रिय काय में जन्म ग्रहण करना - इस मध्य में अन्य योनियों में व्यतीत हुआ काल) उत्कृष्टतः अनन्तकाल और जघन्य अन्तर्मुहूर्त काल का बताया गया है || १४३॥
Jain Education International
The interval period (quitting three-sensed body moving in other bodies and again taking birth in three-sensed body-in between time) is maximumly of infinite time period and minimumly of antarmuhūrta. (143)
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org