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३३९] सप्तविंश अध्ययन.
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
सत्तावीसइमं अज्झयणं : खलुकिज्जं सप्तविंश अध्ययन : खलूकीय
थेरे गणहरे गग्गे, मुणी आसि विसारए ।
आइण्णे गणिभावम्मि, समाहिं पडिसंधए ॥१॥ स्थविर, गणधर (गच्छाचार्य) गर्ग गोत्रीय गार्य मुनि शास्त्र विशारद थे। वे आचार्य के गुणों से ओत-प्रोत, गणिभावों में स्थित और समाधि में स्वयं को जोड़े हुए थे ॥१॥
Experienced sage, the head of group (of his disciples) of Garga lineage monk Gārgya was expert in holy scriptures. He was opulent with the virtues of preceptor, fixed in ganisentiments and related himself to contemplation. (1)
वहणे वहमाणस्स, कन्तारं अइवत्तई ।
जोए वहमाणस्स, संसारो अइवत्तई ॥२॥ शकट आदि वाहन में जोता हुआ अच्छा बैल जैसे महावन से सुखपूर्वक पार हो जाता है उसी प्रकार संयम-योग में भली-भाँति प्रवृत्त साधक भी संसार से (सुखपूर्वक) पार हो जाता है ॥२॥
Who yokes a good bull to a cart he crosses the vast forest happily, likewise the adept practising zealously the contemplation easily crosses the worldly ocean. (2)
खलुंके जो उ जोएइ, विहम्माणो किलिस्सई ।
असमाहिं च वेएइ, तोत्तओ य से भज्जई ॥३॥ जो दुष्ट बैलों (खलुंक) को (वाहन में) जोतता है, वह उन्हें मारता हुआ स्वयं क्लेश पाता है, असमाधि का अनुभव करता है और अन्ततः उसका चाबुक भी टूट जाता है ॥३॥
Who yokes bad bullocks in a cart has excessive strains, beating them and in the end his whip also broken up. (3)
एगं डसइ पुच्छंमि, एगं विन्धइऽभिक्खणं ।
एगो भंजइ समिलं, एगो उप्पहपट्ठिओ ॥४॥ क्षुब्ध हुआ वाहक (गाड़ीवान) किसी (बैल) की पूंछ में दंश देता है तो किसी एक को लगातार बींधता है और (उन दुष्ट बैलों में से कोई एक जूए की कील को तोड़ देता है तो कोई एक उन्मार्ग पर चल पड़ता है ॥४॥
Distressed cartman some time bites the tail of a bull and wounds the other. Among these búlls one breaks the yoke and the other goes on an uneven path. (4)
एगो पडइ पासेणं, निवेसइ निवज्जई । उक्कुद्दइ उप्फिडई, सढे बालगवी वए ॥५॥
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