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| ILLUSTRATION NO. 38
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भुक्तभोगों का
काम वर्द्धक-शब्द श्रवण वर्जन
-शरीर-आलोकन-परिहार
एक आसन परिहार
शब्द रूप आदि विष
अत्री कथा-वर्जन
विविक्त शयनासन
भोगों का चिन्तन स्मरण वर्ज
अति भोजन वर्जन
विकार वक भोजन परित
शरीर विभूषा वर्जन
व आदि विषयों में अनासक्ति
जन परिहार
देव दाणव गन्धव्वा अक्ख रक्खस किन्नरा । बम्भयारिं नमंसन्ति दुक्कर में करन्ति ।
-TARSICIA
चित्र क्रमांक ३८
पुष्ठ ३२ पर चित्र परिचय देखें
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