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________________ फफफफफ - 5 5 5 5 5 55 5 5 5555 5 5 5 5 5 5 5555 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5555955 « 卐 [Q. 8] Reverend Sir! How many hundreds of one-sensed jewels are 5 used immediates in Jambu island? 卐 [Ans.] Gautam ! At least twenty eight and at the most two hundred ten one-sensed jewels are used immediately. 卐 5 विवेचन : यहाँ निधि - रत्नों, पंचेन्द्रिय-रत्नों तथा एकेन्द्रिय-रत्नों का वर्णन चक्रवर्तियों की अपेक्षा से किया 5 गया है। 卐 卐 जम्बूद्वीप में महाविदेह क्षेत्र की ८, ९, २४, २५, इन चार विजयों में प्रत्येक समय तीर्थंकर विद्यमान रहते हैं । अतः जघन्य चार तथा बत्तीस विजयों में बत्तीस तथा भरत क्षेत्र और ऐरवत क्षेत्र में एक-एक तीर्थंकर जब 5 होते हैं तब तीर्थंकरों की उत्कृष्ट संख्या ३४ होती है। 卐 卐 फ्र जब जम्बूद्वीप के पूर्वविदेह क्षेत्र में शीता महानदी के दक्षिण और उत्तर भाग में एक-एक और शीतोदा महानदी के दक्षिण और उत्तर भाग में एक-एक चक्रवर्ती होता है, तब जघन्य चार चक्रवर्ती होते हैं। जब महाविदेह के ३२ विजयों में से अट्ठाईस विजयों में २८ चक्रवर्ती और भरत में एक एवं ऐरवत में एक फ्र चक्रवर्ती होता है तब समग्र जम्बूद्वीप में उनकी उत्कृष्ट संख्या तीस होती है । 卐 卐 जिस समय २८ चक्रवर्ती २८ विजयों में होते हैं उस समय शेष चार विजयों में चार वासुदेव होते हैं और जहाँ वासुदेव होते हैं वहाँ चक्रवर्ती नहीं होते। अतएव चक्रवर्तियों की उत्कृष्ट संख्या जम्बूद्वीप में तीस ही बतलाई फ्र गई है। चक्रवर्तियों की जघन्य संख्या की संगति तीर्थंकरों की संख्या के समान जान लेना चाहिए। जब चक्रवर्तियों की उत्कृष्ट संख्या तीस होती है तब वासुदेवों की जघन्य संख्या चार होती है और जब वासुदेवों की उत्कृष्ट संख्या ३० होती है तब चक्रवर्ती की संख्या ४ होती है। बलदेवों की संख्या की संगति वासुदेवों के समान जान लेना चाहिए क्योंकि ये दोनों सहचर होते हैं। प्रत्येक चक्रवर्ती के नौ-नौ निधान होते हैं। उनके उपयोग में आने की जघन्य और उत्कृष्ट संख्या चक्रवर्तियों 5 की जघन्य और उत्कृष्ट संख्या पर आधृत है। निधानों और रत्नों की संख्या के सम्बन्ध में भी यही जानना चाहिए। प्रत्येक चक्रवर्ती के नौ निधान होते हैं। नौ को चौंतीस से गुणित करने पर ३०६ संख्या आती है। किन्तु उनमें से चक्रवर्तियों के उपयोग में आने वाले निधान जघन्य छत्तीस और अधिक से अधिक २७० फ्र In Jambu island in the eighth, ninth, twenty fourth and twenty fifth regions (vijays) of Mahavideh area Tirthankars always exist. So at least Jambudveep Prajnapti Sutra जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र फफफफफ Jain Education International 5 卐 चक्रवर्ती के सात पंचेन्द्रिय-रत्न इस प्रकार हैं- (१) सेनापति, (२) गाथापति, (३) वर्द्धकी, (४) पुरोहित, फ्र (५) गज, (६) अश्व, (७) स्त्रीरत्न । 卐 卐 एकेन्द्रिय रत्न - - (१) चक्ररत्न, (२) छत्ररत्न, (३) चर्मरत्न, (४) दण्डरत्न, (५) असिरत्न, (६) मणिरत्न, 卐 (७) काकणीरत्न । 卐 Elaboration-Here there is the description of Nidhi-jewels, five-sensed फ jewels and one-sensed jewels in the context of Chakravartis. 卐 卐 (598) For Private & Personal Use Only 卐 卐 5 5 5 5 फ www.jainelibrary.org
SR No.002911
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages684
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_jambudwipapragnapti
File Size21 MB
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