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१७. [प्र. ] वेयड्डस्स णं भंते ! पब्बयस्स सिहरतलस्स केरिसए आगारभावपडोआरे पण्णत्ते ?
[उ. ] गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते। से जहाणामए आलिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं उवसोभिए (तत्थ तत्थ तहिं तहिं देसे) वावीओ, पुक्खरिणीओ, (तत्थ तत्थ देसे तहिं तहिं बहवे) घाणमंतरा देवा य देवीओ य आसयंति जाव भुंजमाणा विहरंति।
१७. [प्र. ] भगवन् ! वैताब्य पर्वत के शिखर-तल का आकार/स्वरूप कैसा है ? . [उ. ] गौतम ! उसका भूमिभाग बहुत समतल तथा रमणीय है। वह मृदंग के ऊपर के भाग जैसा समतल है, बहुविध पंचरंगी मणियों से उपशोभित है। वहाँ स्थान-स्थान पर बावड़ियाँ एवं सरोवर हैं। वहाँ अनेक वाणव्यन्तर देव-देवियाँ निवास करते हैं, पूर्व-आचीर्ण पुण्यों का फलभोग करते हैं। ___ 17.[Q.] Reverend Sir ! What is the shape and nature of the top land of Vaitadhya mountain ?
(Ans.] Gautam ! The land portion is very much levelled and charming. It is as much levelled as the upper part of a drum. It is shining with many types of jewels of five colours. There are lakes and tanks at various places. Many interstitial (Van Vyantar) gods, male and female, reside there enjoying the fruits of meritorious karmas of their earlier lives. वैताब्य पर्वत पर कूट PEAKS ON VAITADHYA MOUNTAIN
१८.[प्र. ] जंबुद्दीये णं भंते ! दीवे भारहे वासे वेअड्डपव्वए कइ कूडा पण्णता ?
[उ.] गोयमा ! णव कूडा पण्णत्ता, तं जहा-१. सिद्धाययणकूडे, २. दाहिणभरहकूडे, ३. खंडप्पयायगुहाकूडे, ४. मणिभइकूडे, ५. वेअड्डकूडे, ६. पुण्णभद्दकूडे, ७. तिमिसगुहाकूडे, ८. उत्तराभरहकूडे, ९. वेसमणकूडे।
१८. [प्र. ] भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत भरत क्षेत्र में वैताढ्य पर्वत के कितने कूट-शिखर या घोटियाँ है?
[उ. ] गौतम ! वैताठ्य पर्वत के नौ कूट हैं। वे इस प्रकार हैं-(१) सिद्धायतनकूट, (२) दक्षिणार्ध भरतकूट, (३) खण्डप्रपातगुफाकूट, (४) मणिभद्रकूट, (५) वैताढ्यकूट, (६) पूर्णभद्रकूट, (७) तमित्रगुफाकूट, (८) उत्तरार्ध भरतकूट, तथा (९) वैश्रमणकूट।
18. [Q.] Reverend Sir ! How many are the peaks on Vaitadhya mountain in Bharat continent of Jambu island ? ___[Ans.] Gautam ! Vaitadhya mountain has nine peaks (koots). They are (1) Sidhayatan koot, (2) Dakshinaardh Bharat koot, (3) Khandaprapatgupha koot, (4) Manibhadra koot, (5) Vaitadhya koot, (6) Puranabhadra koot, (7) Tamisragupha koot, (8) Uttarardh Bharat koot, and (9) Vaishraman koot.
प्रथम बक्षस्कार
(21)
First Chapter
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