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555555555555555555555555555555 फ़ जोअणाई विक्खंभेणं, मूले वित्थिना, मझे संक्खित्ता, उरि तणुया गोपुच्छसंठाणसंठिया, सव्ववइरामई,
अच्छा, सण्हा, लण्हा, घट्टा, मट्ठा, णीरया, णिम्मला, णिपंका, णिक्कंकडच्छाया, सप्पभा, समिरीया, ॐ सउज्जोया, पासादीया, दरिसणिज्जा, अभिरूवा, पडिरूवा। सा णं जगई एगेणं महंतगवक्खकडएणं सव्वओ
समंता संपरिक्खित्ता। म से णं गवक्खकडए अद्धजोअणं उड्ढे उच्चत्तेणं पंच धणुसयाई विक्खंभेणं, सव्वरयणामए, अच्छे, जाव पडिरूवे।
तीसे णं जगईए उप्पिं बहमज्झदेसभाए एत्थ णं महई एगा पउमवरवेडया पण्णत्ता-अद्धजोयणं उडढं उच्चत्तेणं, पंच धणुसयाई विक्खंभेणं, जगईसमिया परिक्खेवेणं, सव्वरयणामई, अच्छा जाव पडिरूवा। तीसे __णं पउमवरवेइयाए अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तं जहा-वइरामया णेमा एवं जहा जीवाभिगमे जाव अट्ठो जाव धुवा णियया सासया, (अक्खया, अव्वया, अवट्ठिया) णिच्चा।
४. वह (जम्बूद्वीप) एक वज्रमय जगती (दीवार) द्वारा सब ओर से घिरा है। वह जगती आठ योजन ऊँची है। मूल (नीचे) में बारह योजन चौड़ी, बीच में आठ योजन चौड़ी और ऊपर चार योजन चौड़ी है। मूल में विस्तीर्ण, मध्य में सँकड़ी तथा ऊपर पतली है। उसका आकार गाय की पूँछ जैसा है। वह सर्वरत्नमय, स्वच्छ, सुकोमल, चिकनी, घुटी हुई-सी, घिसी हुई-सी, तरासी हुई-सी, रजरहित, मैलरहित, कर्दमरहित तथा निरन्तर प्रकाशयुक्त है। वह प्रभा, कान्ति तथा उद्योत से युक्त है, चित्त को है प्रसन्न करने वाली, देखने योग्य, मन को अपने में रमा लेने वाली तथा मन में बस जाने वाली है।
उस जगती के चारों ओर एक जालीदार गवाक्ष है। वह आधा योजन ऊँचा तथा पाँच सौ धनुष के चौड़ा है। सर्वरत्नमय, स्वच्छ, मन को प्रसन्न करने वाला, दर्शनीय, अभिरूप, प्रतिरूप है।
उस जगती के बीचोंबीच एक विशाल पद्मवरवेदिका (मणिमय कमलों की उत्तम वेदिका जहाँ देवगण 卐 क्रीड़ा करते हैं) वह आधा योजन ऊँची और पाँच सौ धनुष चौड़ी है। उसकी परिधि (घेरा) जगती है
जितनी है। वह स्वच्छ एवं सुन्दर है। पद्मवरवेदिका का वर्णन जैसा जीवाभिगमसूत्र में आया है, वैसा ही म यहाँ समझ लेना चाहिए। वह ध्रुव, नियत, शाश्वत (अक्षय, अव्यय, अवस्थित) तथा नित्य है।
4. Jambudveep is surrounded on all sides by an extremely strong wall which is eight yojan high, twelve yojan wide at the base, eight yojan i wide in the middle and four yojan wide at the top. It is well-spread at the base, narrow in the middle and thin at the top. Its shape is like that of 4 the tail of a cow. It is studded with jewels, clean, fine, smooth, wellrubbed, well-polished and faceted, free from dirt or dust, free from mud and ever-shining. It is full of brightness, shine and radiance. It is attractive alluring to the mind, worth-seeing and worthy of pleasant recollection.
There is a grilled window all around the said wall which is half a yojan high and five hundred dhanush wide. It is fully jewel-studded, clean, worth seeing and pleasant to the mind. जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
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Jambudveep Prajnapti Sutra B卐555555555555555555555
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