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5555555555555555555555555555555555 विचित्त-कूडा णामं दुवे पव्वया पण्णत्ता। एवं जच्चेव जमगपव्वयाणं सच्चेव, एएसिं रायहाणीओ दक्खिणेणंति।
१२७. [प्र. ] भगवन् ! देवकुरु में चित्र-विचित्र कूट नामक दो पर्वत कहाँ पर हैं ? [उ. ] गौतम ! निषध वर्षधर पर्वत के उत्तरी चरमान्त से-अन्तिम छोर से ८३४० योजन की दूरी पर शीतोदा महानदी के पूर्व-पश्चिम के अन्तराल में उसके दोनों तटों पर चित्र-विचित्र कूट नामक दो पर्वत हैं। यमक पर्वतों का जैसा वर्णन है, वैसा ही उनका है। उनके अधिष्ठायक देवों की राजधानियाँ मेरु के दक्षिण में हैं। ___ 127. [Q.] Reverend Sir ! Where are the two mountains Chitra-Vichitra Koot located in Devakuru ? __ [A.] Gautam ! 834 and four-seventh yojan from the northernmost end of Nishadh Varshadhar mountain in the east-west gap of Shitoda river, Chitra-Vichitra Koot, the two mountains, are located on its two banks. Their description is similar to that of Yamak mountains. The capitals of their controller gods are in the south of Meru.
निषध द्रह NISHADH DREH
१२८. [प्र.] कहि णं भन्ते ! देवकुराए २ णिसढरहे णामं दहे पण्णत्ते ?
[उ. ] गोयमा ! तेसिं चित्तविचित्तकूडाणं पब्बयाणं उत्तरिल्लाओ चरिमन्ताओ अट्ठचोत्तीसे जोअणसए चत्तारि अ सत्तभाए जोअणस्स अबाहाए सीओआए महाणईए बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं णिसहहहे णामं दहे पण्णत्ते ?
एवं जच्चेव नीलवंत-उत्तरकुरु-चन्देरावयमालवंताणं वत्तब्धया, सच्चेव णिसह-देवकुरु-सूरसुलसविज्जुप्पभाणं णेअव्वा, रायहाणीओ दक्खिणेणंति।
१२८. [प्र. ] भगवन् ! देवकुरु में निषध द्रह नामक द्रह कहाँ पर है ? _[उ. ] गौतम ! चित्र-विचित्र कूट नामक पर्वतों के उत्तरी चरमान्त से ८३४० योजन की दूरी पर सीतोदा महानदी के ठीक मध्य भाग में निषध द्रह नामक द्रह है।
नीलवान्, उत्तरकुरु, चन्द्र, ऐरावत तथा माल्यवान्-इन द्रहों की जो वक्तव्यता है, वही निषध, देवकुरु, सूर, सुलस तथा विद्युत्प्रभ नामक द्रहों की समझनी चाहिए। उनके अधिष्ठायक देवों की राजधानियाँ मेरु के दक्षिण में हैं।
128. [Q.] Reverend Sir ! Where is Nishadh lake located in Devkuru?
[Ans.] Gautam ! In the very middle of Sitoda river, at a distance of 834 and four-seventh yojan from northern end of Chitra Vichitra Koot mountain, there is Nishadh lake. जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
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Jambudveep Prajnapti Sutra
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