________________
听听听听听听听听听听听听听FFFhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh
1 Bhagavati reside on Sphatik peak and Lohitaksh peak respectively. On y - the other peaks the gods of their respective names reside. There are grand
palaces of those controlling gods on those peaks. In sub-directions there are their capitals.
(Q.) Reverend Sir ! Why is Gandha-madan Vakshaskar mountain, so called ?
[Ans.) An excellent pleasant fragrance emits from Gandha-madan Vakshaskar mountain. That fragrance is similar to that of ground, 卐 thrashed, scattered Koshth (or tagar).
(Q.) Reverend Sir! Is this fragrance exactly similar to that fragrance ?
[Ans.] Basically it is not the same. The fragrance that comes out from Gandha-madan mountain is more loveable up to more attractive. A very prosperous god whose name is Gandha-madan resides there. S Gandha-madam Vakshaskar mountain is so named. उत्तरकुरु UTTAR KURU
१०४.[प्र.] कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे उत्तरकुरा णामं कुरा पण्णत्ता ? __ [उ. ] गोयमा ! मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं, णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणेणं, गन्धमायणस्स
वक्खारपब्वयस्स पुरथिमेणं, मालवंतस्स वक्खारपव्ययस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं उत्तरकुरा णामं कुरा पण्णत्ता। ____ पाईण-पडीणायया, उदीण-दाहिणवित्थिण्णा, अद्धचंदसंठाणसंठिआ। इक्कारस जोअणसहस्साइं अट्ठ # य बायाले जोअणसए दोण्णि अ अगूणवीसइभाए जोअणस्स विक्खंभेणंति। की तीसे जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया, दुहा वक्खारपब्वयं पुट्ठा, तं जहा-पुरथिमिल्लाए कोडीए
पुरथिमिल्लं वक्खारब्वयं पुट्ठा एवं पच्चथिमिल्लाए (कोडीए) पच्चथिमिल्लं वक्खारपब्वयं पुट्ठा, तेवणं
जोअणसहस्साई आयामेणंति। तीसे णं धणुं दाहिणेणं सद्धिं जोअणसहस्साइं चत्तारि अ अट्ठारसे जोअणसए # दुवालस य एगूणवीसइभाए जोअणस्स परिक्खेवेणं।
[प्र. ] उत्तरकुराए णं भंते ! कुराए केरिसए आयारभावपडोआरे पण्णत्ते ?
[उ.] गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, एवं पुववण्णिआ जा चेव सुसम# सुसमावत्तव्वयासा चेव अव्वा जाव (१) पउमगंधा, (२) मिअगंधा, (३) असमा, (४) सहा, (५) तेतली, (६) सणिंचारी।
१०४. [प्र. ] भगवन् ! महाविदेह क्षेत्र में उत्तरकुरु नामक क्षेत्र कहाँ पर स्थित है ?
[उ. ] गौतम ! मन्दर पर्वत के उत्तर में, नीलवान् वर्षधर पर्वत के दक्षिण में, गन्धमादन वक्षस्कार , पर्वत के पूर्व में तथा माल्यवान् वक्षस्कार पर्वत के पश्चिम में उत्तरकुरु नामक क्षेत्र है।
चतुर्थ वक्षस्कार
(303)
Fourth Chapter
1555555555555卐555555555555555558
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org