________________
2559555555555555559555555555592
फफफफफफफफफफफफफफफफ
5
卐
卐
5
5 महाहिमवान् वर्षधर पर्वत के कूट THE PEAKS OF MAHA HIMAVAN VARSHADHAR MOUNTAIN ९८. [.] महाहिमवन्ते णं भंते ! वासहरपव्वए कइ कूडा पण्णत्ता ?
H
卐
5
5
卐
away from Vikatapati vritt Vaitadhya mountain, it turns to the west and फ्र moves ahead dividing Harivarsh continent into two parts. 56,000 small rivers join it. Then with all of them it flows down and passing over the foundation wall of Jambu continent it joins Lavan Samudra. At the
source the width of Harikanta river is 25 yojan and depth is half a yojan
which gradually increases. When it merges in the ocean, its width is 250 and depth is five yojan. On both sides it is surrounded by two Padmavar Vedikas and two forests.
yojan
[उ.] गोयमा ! अट्ठ कूडा पण्णत्ता, तं जहा - १. सिद्धाययणकूडे, २. महाहिमवंतकूडे, ३. हेमवयकूडे, ४. रोहिअकूडे, ५. हिरिकूडे, ६. हरिकंतकूडे, ७. हरिवासकूडे, ८. वेरुलिअकूडे । एवं चुल्लहिमवंत कूडाणं जा चेव वत्तव्वया सच्चेव णेअब्बा |
[प्र.] से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ महाहिमवंते वासहरपव्वए २ ?
[.] गोयमा ! महाहिमवंते णं वासहरपव्यए चुल्लहिमवंतं वासहरपव्वयं पणिहाय आयामुच्चत्तुब्बेहविक्खंभपरिक्खेवेणं महंततराए चेव दीहतराए चेव, महाहिमवंते अ इत्थ देवे महिड्डीए जाव पलिओवमट्ठिइए परिवसइ ।
९८. [ प्र. ] भगवन् ! महाहिमवान् वर्षधर पर्वत के कितने 'कूट हैं ?
[ उ. ] गौतम ! महाहिमवान् वर्षधर पर्वत के आठ कूट हैं, जैसे- (१) सिद्धायतनकूट, (२) महाहिमवान्कूट, (३) हैमवतकूट, (४) रोहितकूट, (५) हीकूट, (६) हरिकान्तकूट, (७) हरिवर्षकूट, तथा (८) वैडूर्यकूट ।
चुल्लहिमवान्कूटों की वक्तव्यता के अनुरूप ही इनका वर्णन जानना चाहिए।
[ प्र. ] भगवन् ! यह पर्वत महाहिमवान् वर्षधर पर्वत क्यों कहा जाता है ?
[ उ. ] गौतम ! महाहिमवान् वर्षधर पर्वत, चुल्ल हिमवान् वर्षधर पर्वत की अपेक्षा लम्बाई, ऊँचाई, गहराई, चौड़ाई तथा परिधि में महत्तर तथा अधिक बड़ा है। परम ऋद्धिशाली, पल्योपम आयुष्ययुक्त महाहिमवान् नामक देव वहाँ निवास करता है, इसलिए वह महाहिमवान् वर्षधर पर्वत कहा जाता है।
98. [Q.] Reverend Sir ! How many are the peaks (koots) of Maha Himavan Varshadhar mountain?
[Ans.] Gautam ! Maha Himavan Varshadhar mountain has eight peaks namely – ( 1 ) Sidhayatan peak, (2) Maha Himavan peak,
(3) Haimavat peak, ( 4 ) Rohit peak, (5) Hri peak, (6) Harikant peak,
(7) Harivarsh peak, and ( 8 ) Vaidurya peak.
चतुर्थ वक्षस्कार
फ्र
Jain Education International
(287)
For Private & Personal Use Only
255959595959595959595959555555955555595959595959595959592
Fourth Chapter
卐
www.jainelibrary.org