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________________ B)) )))))) )))))) ))))) )))))) ))))))) and garlands in his hand. He then left for the place where the Chakra Ratna was present in his ordnance store. आयुधशाला की ओर प्रस्थान DEPARTURE TOWARDS ORDNANCE STORE ५६. [१] तए णं तस्स भरहस्स रण्णो बहवे ईसरपभिइओ अप्पेगइआ पउमहत्थगया, अप्पेगइआ उप्पलहत्थगया, अप्पेगइआ सयसहस्सपत्तहत्थगया भरहं रायाणं पिट्ठओ पिट्ठओ अणुगच्छंति। तए णं तस्स भरहस्स रण्णो बहूईओ(गाहा) खुज्जा चिलाइ वामणि वडभीओ बब्बरी बउसिआओ। जोणिय-पह्लवियाओ इसिणिय-थारुकिणियाओ॥१॥ लासिय-लउसिय-दमिली सिंहलि तह आरबी पुलिंदी य। पक्कणि बहलि मुरुंडी सबरीओ पारसीओ य॥२॥ अप्पेगइया वंदणकलसहत्थगयाओ, भिंगारआदंस-थाल-पातिसुपइट्ठग-वायकरग-रयणकरंडपुष्फचंगेरी-मल्लवण्ण-चुण्णगंधहत्थगयाओ, वत्थ-आभरण-लोमहत्थय-चंगेरीपुष्फपडलहत्थगयाओ जाव के लोमहत्थगयाओ, अप्पेगइआओ सीहासणहत्थगयाओ, छत्तचामरहत्थगयाओ, तिल्लसमुग्गयहत्थगयाओ। (गाहा) तेल्ले-कोट्ठसमुग्गे, पत्ते चोए अ तगरमेला य। हरिआले हिंगुलए, मणोसिला सासवसमुग्गे॥१॥ ___अप्पेगइआओ तालिअंटहत्थगयाओ, अप्पेगइयाओ धूवकडुच्छुअहत्थगयाओ भरहं रायाणं पिट्ठओ. ॐ पिटुओ अणुगच्छंति। ५६. [१] राजा भरत के पीछे-पीछे बहुत से ऐश्वर्यशाली विशिष्ट जन चल रहे थे। उनमें से 卐 किन्हीं-किन्हीं के हाथों में पद्म, यावत् हजार पंखुड़ियों वाले कमल थे। राजा भरत की बहुत-सी दासियाँ भी उनके पीछे-पीछे चल रही थीं। उनमें से अनेक कुबड़ी थीं, + अनेक किरात देश की थीं, अनेक बौनी थीं, अनेक ऐसी थीं, जिनकी कमर झुकी थी, अनेक बर्बर देश की, वकुश देश की, यूनान देश की, पह्नव देश की, इसिन देश की, थारुकिनिक देश की, लासक देश की, लकुश देश की, सिंहल देश की, द्रविड़ देश की, अरब देश की, पुलिन्द देश की, पक्कण देश की, + बहल देश की, मुरुंड देश की, शबर देश की, पारस देश की-यों विभिन्न देशों की थीं। उनमें से किन्हीं-किन्हीं के हाथों में मंगलकलश, झारियाँ, दर्पण, थाल, रकाबी जैसे छोटे पात्र, सप्रतिष्ठक, करवे, रत्न-मंजषा. फलों की डलिया. माला. वर्ण. चर्ण. गन्ध, वस्त्र, आभषण, मोरपंखों से बनी फूलों के गुलदस्तों से भरी डलिया, मयूरपिच्छ, सिंहासन, छत्र, चँवर तथा तिलसमुद्गक-(तिल के # भाजन-विशेष) डिब्बे जैसे पात्र आदि भिन्न-भिन्न वस्तुएँ थीं। इनके अतिरिक्त कतिपय दासियाँ तेल-समुद्गक, कोष्ठ, पत्र, चोय-(सुगन्धित द्रव्य-विशेष), तगर, हरिताल, हिंगुल, मैनसिल तथा सर्षप (सरसों) के समुद्गक डिब्बे हाथों में लिए थीं। कतिपय दासियों के हाथों में पंखे, धूपदान थे। 卐55555;55555555555555555555555555555555555558 | जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र (136) Jambudveep Prajnapti Sutra B )))))))) ) )))))) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002911
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages684
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_jambudwipapragnapti
File Size21 MB
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