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उन परिव्राजकों को लोहे (राँगे, ताँबे, जसद, शीशे, चाँदी और सोने) के या दूसरे बहुमूल्य बन्ध पात्र बाँधने के सूत्र इनसे बँधे पात्र रखना कल्प्य नहीं है।
उन परिव्राजकों को एक धातु-गेरू से रँगे हुए गेरुए वस्त्रों के सिवाय तरह-तरह के रंगों से रँगे हुए वस्त्र धारण करना नहीं कल्पता। ॐ वे परिव्राजक केवल ताँबे का एक पवित्रक-अंगूठी के अतिरिक्त हार, अर्धहार, एकावली, मुक्तावली, कनकावली, रत्नावली, मुखी-हार विशेष, कण्ठमुखी-कण्ठ का
आभरण, प्रालम्ब-लम्बी माला, त्रिसरक-तीन लड़ों का हार, कटिसूत्र-करधनी, दशमुद्रिकाएँ, कटक-कड़े, त्रुटित-तोड़े, अंगद, केयूर-बाजूबन्द, कुण्डल-मुकुट तथा चूड़ामणि रत्नों का शिरोभूषण-शीर्षफूल धारण करना नहीं कल्पता।
उन परिव्राजकों को फूलों से बने केवल एक कर्णपूर (कर्णफूल) के सिवाय गूंथकर बनाई गई मालाएँ, लपेटकर बनाई गई मालाएँ, फूलों को परस्पर संयुक्त कर बनाई मालाएँ या
जमा कर-परस्पर एक-दूसरे में उलझाकर बनाई गई मालाएँ-ये चार प्रकार की मालाएँ * धारण करना नहीं कल्पता। ___ उन परिव्राजकों को केवल गंगा की मिट्टी के अतिरिक्त अगर, चन्दन या केसर से शरीर को लिप्त करना नहीं कल्पता। THE CONDUCT OF PARIVRAJAKS
79. It is forbidden for these Parivrajaks to enter a well, pond, the river, bavadi (a masonry tank with steps), pushkarini (a round masonry tank with steps or a masonry tank with lotuses), dirghika (large pond), gunjalika (oblong tank), lake and sea. However, it is not forbidden to enter and cross if such water bodies lie on their path.
It is also forbidden for them to ride a cart or chariot (shakat), coach driven by two horses or ponies (thilli), palanquin with curtains (shivika), or a large palanquin (syandamanika).
These Parivrajaks are forbidden to ride a horse, elephant, camel, ox, buffalo or donkey, the only departure being when they have to do so out of compulsion.
According to the Parivrajak code they are also not allowed to attend or witness programmes meant for recreation or felicitation including performances of Nat (actors; also acrobats),... and so on up to... Magadh (bards) etc.
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उपपात वर्णन
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