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सूलाइयगा, सूलभिण्णगा, खारबत्तिया, वज्झबत्तिया, सीहपुच्छियगा, दवग्गिदडगा, पंकोसण्णगा, पंके खुत्तगा ।
७०. (क) जो (ये) जीव ग्राम, आकर, नगर निगम, खेट, कर्बट, मडंब, द्रोणमुख, पत्तन, आश्रम, संवाह, सन्निवेश आदि में मनुष्य के रूप में जन्म लेते हैं।
वहाँ, जिनके किसी अपराध के कारण काठ या लोहे के बंधन से हाथ-पैर बाँध दिये जाते हैं, बेड़ियों से जकड़ दिये जाते हैं, जिनके पैर काठ के खोड़े में डाल दिये जाते हैं, जो कारागार में बन्द कर दिये जाते हैं, जिनके हाथ काट दिये जाते हैं, जिनके पैर काट दिये जाते हैं, कान काट दिये जाते हैं, नाक काट दिये जाते हैं, होठ काट दिये जाते हैं, जिव्हाएँ काट दी जाती हैं, मस्तक छेद दिये जाते हैं, मुँह छेद दिये जाते हैं, मध्य भाग- पेट छेद दिया जाता है, जिनके बायें कन्धे से लेकर दाहिनी काँख तक के देह - भाग मस्तक सहित विदीर्ण कर दिये जाते हैं, हृदय चीर दिये जाते हैं - कलेजे उखाड़ दिये जाते हैं, आँखें निकाल ली जाती हैं, दाँत तोड़ दिये जाते हैं, जिनके अण्डकोष निकाल दिये जाते हैं, गर्दन तोड़ दी जाती है, तन्दुल-चावलों की तरह जिनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिये जाते हैं, जिनके शरीर का कोमल माँस काट-काटकर कौओं का खिला दिया जाता है, जो रस्सी से बाँधकर कुएँ आदि में लटका दिये जाते हैं, वृक्ष की शाखा आदि पर हाथ बाँधकर लटका दिये जाते हैं, चन्दन की तरह पत्थर आदि पर घिस दिये जाते हैं, दही की तरह ऊँचे-नीचे काटकर मथ दिये जाते हैं, काठ की तरह कुल्हाड़े से फाड़कर दो टुकड़े कर दिये जाते हैं, जो गन्ने की तरह कोल्हू में पेल दिये जाते हैं, जो सूली पर चढ़ा दिये जाते हैं, जो सूली से बींध दिये जाते हैं, जो खार के बर्तन में डाल दिये जाते हैं, जो गीले चमड़े से बाँध दिये जाते हैं अथवा वध्य स्थान में पटक दिये जाते हैं । जिनकी जननेन्द्रिय काट दी जाती है अथवा सिंह की पूँछ में बाँधकर घसीटे जाते हैं, जो दवाग्नि में जला दिये जाते हैं, कीचड़ में धँसा दिये जाते हैं, कीचड़ में फँसा दिये जाते हैं कि फिर उससे निकल ही नहीं सकें ।
KLISHIT UPAPAT
70. (a) Some beings are born as human beings in places like gram, aakar, nagar, nigam, khet, karbat, madamb, dronmukh, pattan, ashram, samvah and sannivesh. There (they suffer torments in various ways detailed as follows)—
As a punishment for their crime, some have their limbs pinioned with wood or iron, are shackled in chains, are hobbled with a piece of wood, or imprisoned. Some have their hands, legs, ears, nose,
औपपातिकसूत्र
Aupapatik Sutra
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