________________
अनुक्रमणिका
CONTENTS
3
Introduction
उपोद्घात समवसरण अधिकार
Samavasaran Adhikar
५
*
२१
*
चम्पा नगरी की शोभा मनोरंजन के साधन नगर की सुरक्षा-व्यवस्था पूर्णभद्र चैत्य वनखण्ड का दृश्य वृक्षावली-वर्णन अशोक वृक्ष का वर्णन
१८ शिलापट्टक वर्णन चम्पापति कूणिक कूणिक का चरित्र कूणिक का वैभव राजमहिषी धारिणी (सौन्दर्य तथा गुण वर्णन) २५ कोणिक की राज्य सभा भगवान महावीर भगवान का शरीर सौष्ठव आत्मिक वैभव प्रवृत्ति-निवेदक द्वारा सूचना कुणिक हर्षित हो उठा भगवान को परोक्ष वन्दना भगवान का चम्पा में आगमन भगवान के अन्तेवासी श्रमण
५४ श्रमणों की आत्म-ऋद्धि का वर्णन : ज्ञान बली ५६ विविध लब्धिधारी श्रमण
५८
।
The Grandeur of Champa City Means of Entertainment City-security The Purnabhadra Chaitya Description of the garden Description of tree Description of the Ashoka tree The stone slab King Kunik of Champa The character of Kunik The grandeur of Kunik Queen Dharini The servant Bhagavan Mahavir The body The spiritual grandeur News by the Reporter Kunik's delight Remote prayer Bhagavan's arrival in Champa The accompanying ascetics The spiritual wealth of Shramans Shramans with various special
powers Shramans with wealth of
austerities The qualities of sthavirs Twenty two metaphors for anagars 70
Krr .
५३
तपोबली श्रमण
स्थविरों के गुण वर्णन गुण-सम्पन्न अणगारों की बाईस उपमाएँ
६५ ६८
(14)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org