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KoprdoptioDAOPARVAontaoptopraoptionTAORIAORMAORMAOINADIVORAORNORNAORYAOINowowonomowomarwrimom
तिलक किया, दुःस्वप्नादि दोष-निवारण हेतु प्रायश्चित्त किया तथा काली टीकी, चन्दन, ॐ कुंकुम, दधि, अक्षत आदि से मंगलविधान किया, (अनेकों ने) मस्तक एवं गले में मालाएँ धारण की, (कईयों ने) रत्न जड़े स्वर्णाभरण, हार, अर्धहार; तीन लड़ों के हार, लम्बे हार, लटकती हुई करधनियाँ आदि शोभावर्धक आभूषणों से अपने को सजाया, श्रेष्ठ, उत्तमॐ स्वच्छ वस्त्र पहने। शरीर पर, शरीर के अलग-अलग अंगों पर चन्दन का लेप किया।
THE PREPARATIONS ____38. (d) Before going to pay their homage many of these people took their bath and performed traditional propitiatory rites (bali karma). Some performed the placatory rites to invoke good omen (kautuk); these included application of collyrium (anjan) in eyes, applying auspicious mark on the forehead (tilak) and black mark on the body, atonement for pacifying effects of bad dreams and other such bad omens and auspicious rituals using sandalwood, vermilion, curd, rice etc. Many of these adorned themselves with garlands, gem studded ornaments, a variety of necklaces (haar, ardhahaar, three-string necklace etc.), waist-band (karadhani) and wore exquisite and clean dresses. They also applied sandalwood paste on different parts of their bodies. वाहन आदि ____३८. (ङ) अप्पेगइया हयगया एवं गयगया, रहगया, सिवियागया, संदमाणियागया, अप्पेगइया पायविहारचारेणं पुरिसवगुरापरिक्खित्ता महया उक्किट्ठ सीहणाय-बोलकलकलरवेणं पक्खुब्भियमहासमुद्दरवभूयं पिव करेमाणा चंपाए णयरीए मझमज्झेणं णिग्गच्छंति। __णिगच्छित्ता जेणेव पुण्णभद्दे चेइए, तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता समणस्स भगवओ 1 महावीरस्स अदूरसामंते छत्तादीए तित्थयराइसेसे पासंति, पासित्ता जाणवाहणाई ठवेंति, ठवेत्ता जाणवाहणेहिंतो पच्चोरुहंति, पच्चोरुहित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे, तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेंति, करित्ता वंदति णमस्संति, वंदित्ता, णमंस्सित्ता पच्चासण्णे णाइदूरे सुस्सूसमाणा, णमंसमाणा, अभिमुहा विणएणं पंजलिउडा पज्जुवासंति।
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* समवसरण अधिकार
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Samavasaran Adhikar
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